इनकम टैक्स: आज सरकार ने 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट का ऐलान किया है, लेकिन लोगों के मन में इसे लेकर कई सवाल हैं, जैसे अगर किसी की सैलरी 13 लाख है तो उस पर कितना टैक्स लगेगा? इसके साथ ही सबसे बड़ी उलझन यह है कि अगर 12 लाख तक की आय पर टैक्स छूट है तो क्या सिर्फ एक लाख पर ही टैक्स देना होगा? इसका जवाब है- नहीं.
लोगों के मन में एक सवाल यह भी है कि अगर सैलरी 13 लाख है तो क्या हमें 15 प्रतिशत टैक्स देना होगा? इसका जवाब भी है- नहीं।
इससे जुड़ा तीसरा सवाल यह है कि जब 12 लाख तक की आय कर मुक्त है तो फिर सरकार ने यह स्लैब सिस्टम क्यों दिया है, 4 से 8 लाख की आय पर 5 प्रतिशत आयकर क्यों, 8 से 12 लाख की आय पर 10 प्रतिशत आयकर क्यों?
अब आइए एक-एक करके सभी प्रश्नों के उत्तर दें।
अगर आपकी सैलरी 13 लाख रुपये है और हम इसे टैक्स स्लैब के हिसाब से 4 हिस्सों में बांटते हैं. पहला 4 लाख, दूसरा 4 लाख, तीसरा 4 लाख और बाकी 1 लाख. पहले 4 लाख रुपये पर कोई टैक्स नहीं है. अब 4 से 8 लाख के अगले हिस्से पर 5 फीसदी टैक्स लगेगा, यानी ये 20 हजार रुपये होगा. अब 8 से 12 लाख रुपये के हिस्से पर 10 फीसदी टैक्स लगेगा. जो करीब 40 हजार रुपये होगा. अब बचा हुआ आखिरी 1 लाख रुपये. ये 1 लाख रुपये 15 फीसदी टैक्स के दायरे में आएगा… अब 1 लाख का 15 फीसदी हुआ 15 हजार रुपये. अब पूरी रकम पर टैक्स जोड़ेंगे तो ये 75 हजार रुपये होगा. यानी 13 लाख की आय वाले व्यक्ति को 75 हजार रुपये टैक्स के तौर पर देने होंगे.
वेतनभोगी लोगों के लिए टैक्स सिस्टम भी इसी फॉर्मूले पर काम करेगा। जैसे 14 लाख की आय पर 90,000 रुपए, 15 लाख पर 105,000 रुपए और 16 लाख पर 1,20,000 रुपए टैक्स लगेगा। पुराने टैक्स स्लैब के हिसाब से 16 लाख रुपए पर 1,70,000 रुपए टैक्स देना होता था, लेकिन नए स्लैब के हिसाब से 1,20,000 रुपए ही टैक्स देना होगा। यानी यहां भी उसे फायदा होगा।
जानिए आप कितना टैक्स बचाएंगे
कर छूट का लाभ किसे मिलेगा?
कई लोगों को भ्रम है कि यह फैसला सिर्फ नौकरीपेशा लोगों के लिए ही लागू किया गया है, हालांकि सरकार ने बजट में साफ कहा है कि आप नौकरीपेशा हों, कोई कारोबार करते हों या दुकान चलाते हों, अगर आपकी सालाना आय 12 लाख या उससे कम है तो आपको इनकम टैक्स देने की जरूरत नहीं है। इसमें नौकरीपेशा लोगों के लिए एक फायदा यह है कि उन्हें इस छूट के साथ 75 हजार रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलता रहेगा। उदाहरण के लिए अगर किसी नौकरीपेशा व्यक्ति की सालाना सैलरी 12 लाख 75 हजार रुपये है तो 75 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन मिलने से उसकी सैलरी 12 लाख हो जाएगी और उसे कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा।