रिश्ता चाहे पति-पत्नी का हो, प्रेमी-प्रेमिका का हो या सिर्फ दोस्ती का, हर रिश्ते को कई पड़ावों से होकर गुजरना पड़ता है। इन पड़ावों में कई उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन जो रिश्ता हर मुश्किल को पार कर आगे बढ़ता है, वही सच्चे प्यार की पहचान बनता है।
जब बात रोमांटिक रिलेशनशिप की होती है, तो हर कपल चाहता है कि उनका रिश्ता मजबूत, भरोसेमंद और जीवनभर टिकने वाला हो। लेकिन यह कोई बॉलीवुड फिल्म नहीं, जहां पहली नजर में प्यार हो जाए और हमेशा खुशहाल जिंदगी गुजरे। असल जिंदगी में हर रिश्ता अलग-अलग चरणों से गुजरता है और समय के साथ परिपक्व होता जाता है।
तो चलिए, जानते हैं कि एक प्यार भरे रिश्ते में कौन-कौन से पड़ाव आते हैं, और आपका रिश्ता फिलहाल किस फेज में है।
1. पहला स्टेज: अट्रैक्शन (आकर्षण)
हर रिश्ते की शुरुआत अट्रैक्शन यानी आकर्षण से होती है।
-
अक्सर लोग इसे “पहली नजर का प्यार” कहते हैं, लेकिन असल में यह प्यार नहीं, बल्कि सिर्फ आकर्षण होता है।
-
यह आकर्षण किसी की खूबसूरती, अंदाज, आवाज या किसी खास आदत की वजह से हो सकता है।
-
इस स्टेज में हार्मोन्स तेजी से काम करते हैं, जिससे दिल बार-बार उसी इंसान के बारे में सोचने लगता है।
कई लोग इस स्टेज को प्यार समझ बैठते हैं, लेकिन असल में यह सिर्फ एक शुरुआती मोड़ होता है।
2. दूसरा स्टेज: हनीमून फेज (सब कुछ परफेक्ट लगने का दौर)
हनीमून फेज प्यार का वह दौर होता है, जहां दुनिया बहुत खूबसूरत लगती है।
-
आप घंटों फोन पर बात करते हैं, छोटे-छोटे गिफ्ट्स का आदान-प्रदान करते हैं और एक-दूसरे के बिना रह नहीं पाते।
-
हर छोटी चीज खास लगती है, और ऐसा लगता है कि सिर्फ आपका रिश्ता दुनिया का सबसे बेहतरीन रिश्ता है।
-
इस फेज में हार्मोन्स अब भी हावी होते हैं, और हर चीज़ परफेक्ट लगती है।
लेकिन यह दौर ज्यादा समय तक नहीं रहता, क्योंकि असली रिश्ते की परीक्षा आगे होती है।
3. तीसरा स्टेज: इमोशनल बॉन्डिंग (भावनात्मक जुड़ाव का दौर)
इस फेज में रिश्ता सिर्फ शारीरिक आकर्षण से ऊपर उठकर गहरे भावनात्मक जुड़ाव में बदलने लगता है।
-
अब आपको अपने पार्टनर की पसंद-नापसंद, आदतें और व्यवहार समझ आने लगता है।
-
आप एक-दूसरे के दुख-सुख का ख्याल रखते हैं और भविष्य की योजनाएं बनाने लगते हैं।
-
इस पड़ाव पर ही पार्टनर को लेकर गंभीर फैसले लिए जाते हैं, जैसे कि क्या यह रिश्ता शादी तक जाना चाहिए?
यह एक बहुत ही अहम पड़ाव होता है, क्योंकि यही तय करता है कि रिश्ता आगे बढ़ेगा या नहीं।
4. चौथा स्टेज: मेक या ब्रेक (रिश्ता निभाने या तोड़ने का समय)
यह रिश्ते का सबसे कठिन फेज होता है।
-
इस दौर में छोटी-छोटी बातें बड़ी लगने लगती हैं।
-
लड़ाई-झगड़े बढ़ सकते हैं और सामंजस्य की असली परीक्षा होती है।
-
यही वह स्टेज होती है, जहां रिश्ते या तो और मजबूत हो जाते हैं या फिर टूट जाते हैं।
जो कपल इस फेज को धैर्य और समझदारी से पार कर लेते हैं, उनका रिश्ता और गहरा हो जाता है।