भारत में गर्मी इस साल रिकॉर्ड तोड़ रही है। झारखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र में तापमान तेजी से बढ़ रहा है, जिससे लू का खतरा मंडरा रहा है। भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने इन राज्यों के लिए हीटवेव अलर्ट जारी किया है और लोगों को सावधान रहने की सलाह दी है।
चलिए जानते हैं कि इन राज्यों में गर्मी का हाल क्या है, लू से कैसे बचा जाए और सरकार इस संकट से निपटने के लिए क्या कदम उठा रही है।
1. कौन-कौन से राज्य सबसे ज्यादा प्रभावित हैं?
IMD के मुताबिक, भारत के कई राज्यों में तापमान 40°C से ऊपर पहुंच चुका है। खासकर झारखंड, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और महाराष्ट्र में हालात गंभीर होते जा रहे हैं।
झारखंड
झारखंड के कई जिलों में तापमान 42°C से 45°C तक पहुंच गया है। रांची, धनबाद, जमशेदपुर और बोकारो में गर्मी असहनीय हो चुकी है। लू के कारण अस्पतालों में हीट स्ट्रोक के मरीज बढ़ रहे हैं।
कर्नाटक
दक्षिण भारत में भी गर्मी का प्रकोप जारी है। बेंगलुरु, बेलगावी, धारवाड़ और कालाबुर्गी में तापमान 40°C के पार चला गया है। यहां उमस भरी गर्मी भी लोगों को परेशान कर रही है।
पश्चिम बंगाल
कोलकाता, आसनसोल और पुरुलिया में तापमान 41°C से ऊपर चला गया है। गर्मी के कारण स्कूलों में छुट्टी की घोषणा कर दी गई है और प्रशासन लोगों को घरों में रहने की सलाह दे रहा है।
ओडिशा
भुवनेश्वर, कटक, संबलपुर और बालासोर में तापमान 44°C तक पहुंच चुका है। राज्य सरकार ने एहतियात के तौर पर सरकारी दफ्तरों के समय में बदलाव किया है और लोगों से दोपहर में बाहर न निकलने की अपील की है।
महाराष्ट्र
विदर्भ और मराठवाड़ा क्षेत्र में लू का सबसे अधिक असर देखने को मिल रहा है। नागपुर, अमरावती, चंद्रपुर और पुणे में तापमान 45°C तक पहुंच चुका है। मुंबई में भी उमस भरी गर्मी से लोग बेहाल हैं।
2. क्यों बढ़ रही है गर्मी इतनी ज्यादा?
इस साल भारत में गर्मी का असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं:
- जलवायु परिवर्तन: लगातार बढ़ता ग्लोबल वार्मिंग का असर अब साफ दिख रहा है।
- एल नीनो प्रभाव: इस साल प्रशांत महासागर में एल नीनो प्रभाव के कारण भारत में ज्यादा गर्मी पड़ रही है।
- शहरीकरण: पेड़-पौधों की कटाई और कंक्रीट के जंगलों के कारण शहरों में तापमान तेजी से बढ़ रहा है।
3. लू से कैसे बचें?
IMD और स्वास्थ्य विभाग ने लोगों को हीटवेव से बचने के लिए कुछ जरूरी सावधानियां बरतने की सलाह दी है:
क्या करें?
ज्यादा से ज्यादा पानी और ठंडे पेय पदार्थ पिएं।
हल्के और ढीले कपड़े पहनें, खासकर सूती कपड़े।
बाहर जाने से पहले छाता, टोपी और सनग्लास का इस्तेमाल करें।
दोपहर 12 बजे से 4 बजे के बीच बाहर निकलने से बचें।
अगर चक्कर आए या शरीर गर्म लगे तो तुरंत छायादार जगह पर आराम करें।
क्या न करें?
बहुत अधिक धूप में बाहर न जाएं, खासकर बच्चे और बुजुर्ग।
कैफीन या अल्कोहल वाले पेय पदार्थों का अधिक सेवन न करें।
ज्यादा तली-भुनी और गरिष्ठ चीजें खाने से बचें।
4. सरकार और प्रशासन क्या कदम उठा रहे हैं?
राज्यों में सरकारें हीटवेव से निपटने के लिए कई कदम उठा रही हैं:
- झारखंड और ओडिशा में स्कूलों की टाइमिंग बदली गई है।
- पश्चिम बंगाल सरकार ने कुछ जिलों में स्कूलों की छुट्टी की घोषणा की है।
- महाराष्ट्र और कर्नाटक में अस्पतालों को हीट स्ट्रोक के मरीजों के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
- सरकारी दफ्तरों में कामकाज के घंटे कम किए गए हैं, ताकि लोग तेज धूप में बाहर न निकलें।
- नगर निगम सड़कों पर पानी का छिड़काव कर रहा है, ताकि गर्मी का असर कम किया जा सके।
5. क्या आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ेगी?
मौसम वैज्ञानिकों का कहना है कि मई और जून में गर्मी और भी ज्यादा बढ़ सकती है। अगले कुछ हफ्तों में कई राज्यों में तापमान 45°C के पार जा सकता है। मानसून के आने तक राहत की उम्मीद कम ही है। IMD के अनुसार, दक्षिण भारत और पूर्वी भारत में मानसून जून के दूसरे हफ्ते तक पहुंच सकता है, जिससे गर्मी का असर धीरे-धीरे कम होने लगेगा।