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Indian Railways Lower Berth News- भारतीय रेलवे रोजाना 13000 से अधिक ट्रेनों को चलाता है, इनमें करीब सात करोड़ लोग सालाना सफर करते हैं. इनमें सीनियर सिटीजन और बुजुर्गों की संख्‍या भी खासी रहती है.

ट्रेन में बिना जुगाड़ लोवर सीट लेना चाहते हैं! तो यह है आसान तरीका, जानें

सुविधाजनक सफर के लिए बना है यह नियम.

हाइलाइट्स

  • सीनियर सिटीजन और 45 साल से अधिक उम्र की महिलाओं के लिए नियम
  • प्रत्‍येक कोच में लोवर बर्थ रहती है रिजर्व
  • कोचों की संख्‍या पर संख्‍या निर्भर रहती है

नई दिल्‍ली. ट्रेनों में सफर के दौरान रिजर्वेशन कराते समय कई लोगों को ऊपर की सीट मिल जाती है. ऐसे में महिलाओं और बुजुर्गों को यात्रा करने में परेशानी होती है. उन्‍हें अपनी सीट जाना और उतरना मुश्किल होता है. इन दोनों श्रेणी के यात्रियों के लिए भारतीय रेलवे का खास नियम है, जिससे बिना जुगाड़ नीचे की सीट मिल सकती है. जानें इसका आसान तरीका.

भारतीय रेलवे रोजाना 13000 से अधिक ट्रेनों को चलाता है, इनमें करीब सात करोड़ लोग सालाना सफर करते हैं. इनमें सीनियर सिटीजन और बुजुर्गों की संख्‍या भी खासी रहती है. सीनियर सिटीजन और 45 वर्ष या उससे अधिक आयु वाली महिला यात्रियों या फिर गर्भवती महिलाओं के लिए स्‍लीपर, एसी थर्ड, सेकेंड और फर्स्‍ट सभी क्‍लास में निर्धारित संख्‍या में नीचे की सीटें रिजर्व रहती हैं.

अलग अलग श्रेणी में सीटें भी अलग अलग

स्‍लीपर से लेकर एसी कोच में नीचें की सीटें रिजर्व रहती हैं. स्लीपर में 6 से 7 प्रति कोच , एसी ने 4 से 5, सेकेंड एसी 3 से 4 रिसर्व सीटें रहती हैं. यह संख्या कोचों पर निर्भर करती है. अगर नीचें की सीटें खाली होती हैं तो बगैर विकल्प दिए इन श्रेणी के लोगों को नीचें की सीटें दी जाती हैं.

इसलिए नहीं मिल पाती लोवर सीट

जब पैसेंजर रिजर्वेशन करा रहा हो और उस समय सभी आरक्षित सीटें फुल हो चुकी हों. ऐसे में जो सीटें उपलब्‍ध होंगी, यात्री को वही मिलेंगी. यही वजह है कि कई बार सीनियर सिटीजन और महिलाओं को को ऊपर सीट मिल जाती है. सीटों का चयन कंप्‍यूटर ही करता है.

दिव्‍यांगों के लिए भी रिजर्व

इसी तरह दिव्‍यांगों के लिए सभी क्‍लास में सीटें रिजर्व रहती हैं. यह सुविधा सभी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों में लागू है, जिसमें राजधानी और शताब्दी जैसी ट्रेनें भी शामिल हैं. भले ही रियायती सुविधाएं ली गई हों या नहीं. लेकिन नीचें की सीट अगर खाली है तो जरूर मिलेगी. स्लीपर क्लास में दो बर्थ, थर्ड एसी और इकोनामी एसी में दो बर्थ रिजर्व रहती हैं.

नीचे की सीट पाने का तारीका

रेलवे में पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर सीटें मिलती हैं. इसलिए लोगों को यात्रा का प्‍लान पहले ही कर लेना चाहिए. जिससे मनपसंद सीटें मिल सकें. ट्रेनों में 60 पहले रिजर्वेशन शुरू हो जाता है.

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