
(फाइल फोटो)
आवारा कुत्तों का आतंक सिर्फ भारत में ही नहीं है बल्कि दुनिया के कई देश भी इस समस्या से जूझ रहे हैं. तुर्की भी इन देशों में शामिल है. यहां के आतंरिक मंत्री ने 2 साल की मासूम की मौत के बाद आवारा कुत्तों को मारने के लिए विवादास्पद कानून लागू करने की कसम खाई है. मंत्री के इस ऐलान के बाद वहां पर भी सियासत तेज हो गई है.
तुर्की के आंतरिक मंत्री ने आज रविवार को एक बच्ची की मौत के मद्देनजर सड़कों से लाखों आवारा कुत्तों को हटाने के लिए बनाए गए कानून को पूरी तरह से लागू करने की कसम खाई. यह कानून, जिसे पशु कल्याण संगठनों की ओर से “नरसंहार कानून” करार दिया जा रहा है. पिछली गर्मियों में तुर्की संसद ने इसे पास किया था, लेकिन स्थानीय नगरपालिका अधिकारियों द्वारा इसे आंशिक रूप से ही लागू किया गया है.
अपने अधिकार का इस्तेमाल करूंगाः मंत्री
आंतरिक मंत्री अली येरलिकाया (Ali Yerlikaya) ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए एक वीडियो संदेश में कहा, “या तो वे यह काम करेंगे या मैं कानून द्वारा मुझे दिए गए अधिकार का पूरी तरह से इस्तेमाल करूंगा.”
इससे पहले शुक्रवार को मध्य तुर्की के कोन्या में एक दुखद घटना घटी जिसमें आवारा कुत्तों के एक झुंड ने 2 साल की बच्ची राना एल सेल्सी पर हमला कर दिया. हमले में उसकी मौत हो गई. मौत की इस दुखद घटना के बाद देशभर में घूम रहे करीब 40 लाख आवारा कुत्तों को लेकर विरोध शुरू हो गया है.
घटना के बाद मामले की जांच शुरू
सेल्सी की मौत के बाद घटना को लेकर आपराधिक जांच शुरू की गई क्योंकि नगरपालिका के कर्मचारियों ने कोन्या में कुत्तों को पकड़ना शुरू कर दिया है. वहीं राष्ट्रपति रेसेप तैयप एर्दोगन ने शनिवार को कहा कि सरकार “कानून के क्रियान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ कदम उठा रही है.”
हालांकि पशु प्रेमियों को इस बात का डर है कि इस कानून के कारण कुत्तों को मार दिया जाएगा या उन्हें उपेक्षित, भीड़भाड़ वाले शेल्टर्स में डाल दिया जाएगा. जब कानून पारित किया गया था, तब मुख्य विपक्षी दल ने वादा किया था कि उसके नगरपालिका आवारा कुत्तों को पकड़ने की प्रक्रिया को लागू नहीं करेंगे.
विपक्ष के खिलाफ कानून का होगा इस्तेमाल
इस बीच, तुर्की के कई शहरों में हजारों लोगों ने प्रदर्शन किया, जिसमें कुछ जानवरों को मारने की अनुमति देने वाले एक धारा को हटाने की मांग की गई. पूरे यूरोप में भी विरोध प्रदर्शन हुए, क्योंकि लोगों ने चेतावनी दी कि यह कानून पर्यटकों को तुर्की आने से रोक सकता है.
हालांकि कुछ आलोचकों ने आवारा कुत्तों की बढ़ती आबादी के लिए पिछले नियमों को लागू करने में नाकामी को जिम्मेदार ठहराया है, जिसके तहत आवारा कुत्तों को पकड़ना, उनको मार देना या उनका बधियाकरण करना और फिर उन्हें वहीं वापस भेजना जरुरी था, जहां से उन्हें उठाया गया था.
दूसरों का तर्क है कि इस कानून का इस्तेमाल विपक्ष को निशाना बनाने के लिए किया जाएगा, जिसने पिछले साल के स्थानीय चुनावों में भारी जीत हासिल की थी. इस कानून में उन मेयरों के लिए दंड शामिल है जो इसके प्रावधानों को लागू करने में नाकाम रहते हैं.