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Dattatreya Hosabale Statement: दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि भारत को अपने इतिहास में सही नायक चुनना चाहिए. उन्होंने औरंगजेब की आलोचना की और दारा शिकोह को नायक के रूप में प्रस्तुत किया.

दत्तात्रेय होसबाले ने दारा शिकोह को असली नायक बताया है.
हाइलाइट्स
- दत्तात्रेय होसबाले ने औरंगजेब की आलोचना की.
- उन्होंने दारा शिकोह को नायक के रूप में प्रस्तुत किया.
- लोगों से सही नायक चुनने की अपील की.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने भारत के इतिहास और औरंगजेब से जुड़े मुद्दों पर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि समाज में हर व्यक्ति को किसी भी मुद्दे पर अपनी बात रखने का हक है. इतिहास में कई घटनाएं हुई हैं, जिन पर बहस होती रहती है. औरंगजेब का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली में पहले औरंगजेब मार्ग था, जिसे बदलकर अब अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि इसके पीछे कोई वजह तो होगी. साथ ही उन्होंने औरंगजेब के भाई दारा शिकोह का उदाहरण देते हुए कहा कि उन्हें एक नायक के तौर पर क्यों नहीं देखा गया. जो लोग गंगा-जमुनी तहजीब की बात करते हैं, उन्होंने भी दारा शिकोह को आगे लाने की कोशिश नहीं की.
अपना नायक तय करें लोग
होसबाले ने कहा कि भारत के सामने यह सवाल है कि हमें अपने इतिहास में किसे आदर्श मानना चाहिए. क्या उन लोगों को, जो देश की परंपराओं के खिलाफ थे, या फिर उनको, जो भारत की संस्कृति के साथ रहे. उनके मुताबिक, औरंगजेब इस कसौटी पर खरा नहीं उतरता, लेकिन दारा शिकोह इसमें फिट बैठते हैं. उन्होंने कहा कि यह देश आजाद है. लोग खुद तय करें कि उनका नायक कौन होगा.
उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम की परिभाषा पर भी बात की. होसबाले ने कहा कि अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी गई लड़ाई को हम स्वतंत्रता संग्राम कहते हैं, लेकिन उससे पहले विदेशी आक्रांताओं के खिलाफ जो जंग हुई, वह भी आजादी की लड़ाई थी. उन्होंने महाराणा प्रताप का उदाहरण दिया और कहा कि उनकी लड़ाई भी स्वतंत्रता संग्राम थी. उनके मुताबिक, आक्रांताओं की सोच वाले लोग देश के लिए खतरा हैं. हमें सोचना चाहिए कि अपने इतिहास को किसके साथ जोड़ना है. यह धर्म या विदेशी-स्वदेशी की बात नहीं, बल्कि देश की पहचान का सवाल है.
होसबाले ने फिर दारा शिकोह की बात दोहराई. उन्होंने कहा कि दारा शिकोह भारत की परंपराओं के साथ थे, लेकिन औरंगजेब ने उन्हें मारकर सत्ता हथिया ली. उन्होंने सवाल उठाया कि हमें अपने इतिहास में किसे याद करना चाहिए. औरंगजेब जैसे लोग, जिन्होंने देश की संस्कृति को नुकसान पहुंचाया, या दारा शिकोह जैसे लोग, जो एकता और परंपरा के पक्षधर थे. उन्होंने कहा कि यह किसी धर्म की बात नहीं है, बल्कि देश की अस्मिता को सही तरीके से देखने का मुद्दा है.
उन्होंने लोगों से अपील की कि वे इस पर विचार करें कि भारत का असली नायक कौन होना चाहिए. होसबाले ने कहा कि यह आजाद देश है. हर किसी को अपनी राय रखने का हक है. आरएसएस की सोच है कि इतिहास को सही नजरिए से देखा जाए और उसी आधार पर अपने आदर्श चुने जाएं.