नागपुर दंगे के मास्टरमाइंड फहीम शमीम खान पर राजद्रोह की धाराएं लगाई गई हैं. आरोप है कि फहीम ने लोगों को उकसाकर भीड़ जुटाई थी. 

साइबर विभाग के डीसीपी लोहित मतानी ने बताया कि इस मामले में कुल चार एफआईआर साइबर पुलिस ने दर्ज की हैं. उन्होंने कहा कि औरंगजेब की कब्र हटाने के लिए जो आंदोलन हुआ था. उसके संदर्भ में कुछ भड़काऊ वीडियो वायरल किए गए थे. इनमें पुलिस के खिलाफ हमले की साजिश रचने और भड़काऊ बयान सोशल मीडिया पर पोस्ट किए गए थे.

उन्होंने बताया कि पचास से ज्यादा पोस्ट डिलीट कर दिए गए हैं और बाकी की जांच जारी है. जिस एफआईआर में छह आरोपी नामजद हैं, उसमें फहीम खान भी शामिल है और उसके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है.

उन्होंने बताया कि हमारी एक एफआईआर में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है. इन 6 आरोपियों में से फहीम खान को गिरफ्तार किया गया है. साइबर पुलिस उसे प्रोडक्शन वारंट पर हिरासत में लेगी.

बता दें कि फहीम खान ने साल 2024 के लोकसभा चुनाव में केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ चुनाव लड़ा था. पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि फहीम ने भड़काऊ भाषण देकर समुदाय के लोगों को उकसाया था, जिसके बाद नागपुर में हिंसा भड़की थी. एफआईआर में भी उसका नाम दर्ज है. जानकारी के अनुसार, फहीम खान नागपुर के संजय बाग कॉलोनी यशोधरा नगर का रहने वाला है.

नितिन गडकरी के खिलाफ लड़ चुका है लोकसभा चुनाव

वह 2024 के लोकसभा चुनाव में अल्पसंख्यक डेमोक्रेटिक पार्टी (MDP) के टिकट पर नागपुर सीट से चुनाव लड़ा था, जिसमें उसे करारी हार का सामना करना पड़ा था. चुनावी मैदान में उतरने के बाद से ही वह राजनीतिक रूप से सक्रिय हो गया था और शहर में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रहा था.

पुलिस की जांच में सामने आया है कि नागपुर हिंसा की साजिश पहले से ही रची गई थी. फहीम खान ने कुछ कट्टरपंथी लोगों को इकट्ठा कर एक सुनियोजित तरीके से दंगा भड़काने का काम किया. 

बता दें कि औरंगजेब की कब्र को लेकर हुए विवाद ने सोमवार को हिंसक रूप ले लिया था. महाराष्ट्र के नागपुर के महाल में सोमवार रात दो गुटों के बीच विवाद के बाद हिंसा भड़क गई थी.

महाल के बाद देर रात हंसपुरी में भी हिंसा हुई थी. अज्ञात लोगों ने दुकानों में तोड़फोड़ की और वाहनों में आग लगा दी थी. इस दौरान जमकर पथराव किया गया. हिंसा के बाद कई इलाकों में कर्फ्यू लगा दिया गया था. इस हिंसा में कई लोग घायल हुए थे. पुलिस ने 60 से ज्यादा दंगाइयों को हिरासत में भी लिया था.

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