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Nagpur Violence Latest News: नागपुर में औरंगजेब की मजार के पास विश्व हिन्दू परिषद की तरफ से धरना प्रदर्शन किया गया था. इसी बीच अफवाह फैल गई कि दरगाह की चादर को जलाया गया है. ऐसे में बड़ी संख्या में मुस्लिम प…और पढ़ें

नागपुर पुलिस दंगों की जांच कर रही है. (File Photo)
हाइलाइट्स
- नागपुर शहर में 17 मार्च को हिंसक दंगे हुए थे.
- VHP के प्रदर्शन के चलते दंगों की शुरुआत हुई
- अफवाह फैलने के कारण मुस्लिम युवकों ने पत्थरबाजी की
नई दिल्ली. नागपुर में 17 मार्च को हुई हिंसा में जख्मी हुए इरफान अंसारी की मौत हो गई है. यह इस मामले में पहली मौत है. नागपुर के मेयो अस्पताल में इरफान ने दम तोड़ा. नागपुर हिंसा में जख्मी होने के बाद से वो आईसीयू में भर्ती था. इस मामले में महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस सख्त रुख अख्तिया किए हुए हैं. उन्होंने कहा कि जिन्होंने भी सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाई है, उनपर भी दंगे भड़काने का मामला दर्ज किया जाएगा. कुछ पॉडकास्ट पर भी दंगा भड़काने को लेकर कारवाई होगी. अबतक जितना भी नुकसान होगा, उसकी सारी रकम हिंसा फैलाने वालों से वसूल की जाएंगी. वरना उनकी प्रॉपर्टी जब्त की जाएंगी.
देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि इस मामले में अबतक 104 लोगो को गिरफ्तार किया गया है. इसमें 12 आरोपी 18 वर्ष से नीचे के बच्चे है. ये सारे लोग सीसीटीवी फुटेज में हिंसा फैलाने हुए दिख रहे है. अभितक 68 सोशल मीडिया पोस्ट पर हिंसा भड़काने वाली जांच में सामने आई है. जिनको डिलीट किया गया है. 1992 के बाद कभी भी नागपुर में ऐसे दंगे नहीं हुए. इस तरह से आगजनी करना लोगो की गाड़ियों को तोड़ना, ये सहन नहीं किया जाएगा.इसपर कड़ी कारवाई जारी ही रहेंगी. विशेष तौरपर जिन्होंने पुलिस पर हमला किया उन्हें अपनी करतूत का परिणाम भुगताना ही पड़ेगा. महाराष्ट्र में हम लोग अपनी तरह से कारवाई करते है. जहां बुलडोजर की जरूरत होगी वहा बुलडोजर चलाया जाएगा.
मुख्य आरोपी ने लगाई जमानत याचिका
उधर, नागपुर हिंसा के मुख्य आरोपी फहीम खान ने जमानत के लिए सत्र अदालत में याचिका दायर की है. खान ने दावा किया है कि उनकी गिरफ्तारी ‘‘राजनीतिक प्रतिशोध’’ के तहत की गई है, क्योंकि उन्होंने विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के कार्यकर्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी. माइनॉरिटीज डेमोक्रेटिक पार्टी के नागपुर के अध्यक्ष खान को दंगा और आगजनी की घटनाओं के दो दिन बाद 19 मार्च को गिरफ्तार किया गया था. उन्हें पुलिस हिरासत में भेज दिया गया था. शुक्रवार को खान की रिमांड खत्म होने के बाद अदालत ने उनके खराब स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया. पुलिस ने कहा कि वह बाद में खान की हिरासत की मांग करेगी.
नागपुर में क्यों हुए दंगे?
छत्रपति संभाजीनगर जिले में स्थित मुगल बादशाह औरंगजेब की कब्र को हटाने की मांग को लेकर विश्व हिंदू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के नेतृत्व में हुए प्रदर्शन के दौरान पवित्र आयत लिखी चादर जलाए जाने की अफवाह फैल गई थी. सोशल मीडिया ने आग में घी डालने का काम किया. जिसके बाद 17 मार्च की शाम को भीड़ सड़कों पर उतर आई और दंगे भड़क गए थे. इस मामले में 100 से ज्यादा लोगों को पुलिस अरेस्ट कर चुकी है.