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Kolhapur News: कोल्हापुर के चिपरी गांव में निखिल पाटिल और प्रीतल चौगुले की शादी की सूचियां महिलाओं ने तैयार कीं. शर्वरी पाटिल की संकल्पना से इस क्रांतिकारी कदम ने समाज में नया आदर्श प्रस्तुत किया है.

महिला दिवस पर पाटिल-चौगुले परिवार ने पेश की नई मिसाल.
हाइलाइट्स
- कोल्हापुर में महिलाओं ने शादी की लिस्ट तैयार की.
- निखिल पाटिल और प्रीतल चौगुले की शादी में महिलाओं का योगदान.
- शर्वरी पाटिल की संकल्पना से समाज में नया आदर्श प्रस्तुत.
कोल्हापुर: अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर कई जगहों पर हमने समाज की परंपराओं को तोड़कर महिलाओं को सम्मान देने के लिए नई प्रथाओं की शुरुआत के कई उदाहरण सुने हैं, लेकिन प्रगतिशीलता का प्रचार करने वाले कोल्हापुर में महिला दिवस के मौके पर एक और कदम कोल्हापुरवासियों ने उठाया है.
एक नया आदर्श प्रस्तुत किया
आमतौर पर किसी घर में शादी तय करते समय शुरुआत में सूचियां लिखने की परंपरा होती है. जाहिर है, यहां सारे काम पुरुषों के हाथ में होते हैं, लेकिन इस परंपरा को तोड़ते हुए कोल्हापुर जिले के शिरूर तालुका के चिपरी गांव में पाटिल और चौगुले परिवार ने एक अलग और सराहनीय निर्णय लिया और समाज के सामने एक नया आदर्श प्रस्तुत किया.
निखिल पाटिल और प्रीतल चौगुले की शादी की लिस्ट महिलाओं ने आगे बढ़कर महिलाओं के हस्ताक्षर से ही तैयार कीं. अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पाटिल और चौगुले परिवार ने महिलाओं का सम्मान करते हुए इस मौके पर एक सामाजिक संदेश दिया है. इस क्रांतिकारी विचार की संकल्पना कुमार पाटिल की बहू शर्वरी पाटिल की थी. इस सूची पर कस्तूरी पाटिल, उमा खोत, सुनीता पाटिल, सोनाली आवटी, अनीता पाटिल, शोभा चौगुले, सारिका तारे, पायल मोकाशी, सुजाता कल्याणी, प्रभावती चौगुले के हस्ताक्षर हैं.
निखिल पाटिल ने पोस्टग्रेजुएट शिक्षा प्राप्त की है और वह दिल्ली में पर्यावरण विभाग में नौकरी कर रहे हैं, जबकि प्रीतल चौगुले प्रोफेसर हैं. शर्वरी पाटिल की क्रांतिकारी संकल्पना से निखिल पाटिल और प्रीतल चौगुले की शादी की गांठ महिलाओं ने ही बांधी. शादी की सूचियों पर हस्ताक्षर भी महिलाओं ने ही किए. इन दोनों परिवारों ने सामाजिक विचारों की विरासत को संजोया है, जिससे हर स्तर पर उनकी सराहना हो रही है.
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असल में शादी तय करते समय सभी निर्णय पुरुष ही लेते हैं. शादी की बातचीत और निर्णय भी वही करते हैं. लेकिन पाटिल और चौगुले परिवार की महिलाओं ने दहेज को नकारते हुए यह शादी तय की. इसके साथ ही शिरोळ तालुका की हेरवाड ग्राम पंचायत ने विधवा प्रताप बंदी का निर्णय लेकर ऐतिहासिक कदम पहले ही उठाया था. अब इस शादी की सूचियां लिखकर महिलाओं ने एक और नया कदम उठाया है. उनके इस निर्णय की हर स्तर पर सराहना हो रही है.
March 08, 2025, 23:06 IST
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