पश्चिम बंगाल के चोपड़ा ब्लॉक में बीच सड़क पर एक महिला और एक पुरुष को डंडे से पीटने वाले शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था. इसे गैरकानूनी कंगारू कोर्ट की ओर से सजा दिए जाने का मामला बताया जा रहा है. 

पुलिस ने किया आरोपी को गिरफ्तार

पुलिस सूत्रों ने बताया कि कंगारू कोर्ट के नाम पर सड़क पर एक महिला और एक पुरुष की पिटाई करने का वीडियो वायरल होने के बाद से आरोपी तजमुल हक उर्फ ​​जेसीबी फरार था, जिसे डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.

चोपड़ा ब्लॉक के लखीपुर ग्राम पंचायत के दिघलगांव इलाके में एक प्रेमी और प्रेमिका को सालीसी सभा (Kangaroo court) में बेरहमी से पीटने की घटना का वीडियो वायरल होने से इलाके में हड़कंप मच गया था.

इलाके में है ‘जेसीबी’ का दबदबा

इस वीडियो को माकपा के पोलित ब्यूरो सदस्य और माकपा नेता मोहम्मद सलीम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया था. जानकारी के मुताबिक उत्तरी दिनाजपुर के चोपड़ा इलाके का एक दबंग युवा एक युवक-युवती की सरेआम पिटाई कर रहा था.

यह घटना सालीसी सभा में सजा देने की बताई जा रही है. कहा जा रहा है कि वीडियो में जो शख्स पिटाई करता नजर आ रहा है उसे स्थानीय लोग जेसीबी के नाम से बुलाते हैं क्योंकि इलाके में उसका दबदबा है.

कांग्रेस ने कहा- महिलाओं पर हमले स्वीकार नहीं

मामले पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘महिलाओं पर हमले अस्वीकार्य हैं, चाहे उनकी जाति कुछ भी हो. चुनाव हो चुके हैं, नतीजे घोषित हो चुके हैं और सत्तारूढ़ दल ने राज्य में सबसे अधिक सीटें जीती हैं, तो सरकार राज्य में हिंसा का सहारा क्यों ले रही है? देश में चुनाव के बाद हम कहीं भी ऐसे मामले नहीं देख रहे हैं जैसे बंगाल में देखे जा रहे हैं. किसी को भी महिलाओं के खिलाफ हिंसा करने का अधिकार नहीं है.’

टीएमसी विधायक ने महिला को ठहराया दोषी

वहीं मीडिया से बात करते हुए स्थानीय टीएमसी विधायक हमीदुल रहमान ने कहा कि पीड़ित महिला ने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. यह मीडिया है जो इस मुद्दे को उठा रहा है. उन्होंने महिला पर ‘असामाजिक गतिविधियों’ में शामिल होने का आरोप लगाया.

हमीदुल रहमान ने कहा, ‘आप किस वायरल वीडियो के बारे में बात कर रहे हैं? महिला ने इसकी शिकायत नहीं की है. आप मीडिया के लोग इसे हेडलाइन बना रहे हैं. महिला अपने पति के होते हुए भी असामाजिक गतिविधियों में शामिल थी. उसकी असामाजिक गतिविधि के लिए एक ‘सालीसी सभा’ ​​का आयोजन किया गया था. हम मानते हैं कि उस न्याय में कुछ गलती हुई. स्थानीय ग्रामीणों ने ये किया. हम इसकी जांच कर रहे हैं. लेकिन उसने कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई है. वह समाज को नुकसान पहुंचा रही थी इसलिए न्याय के लिए कंगारू कोर्ट का आयोजन किया गया.’

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