दिल्ली अपराध शाखा (दक्षिणी रेंज) ने एक बड़े अपराधी गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अवैध रूप से बांग्लादेशी नागरिकों को भारत में प्रवेश दिलाकर दिल्ली/NCR में बसाने का कार्य कर रहा था. इस कार्रवाई के दौरान तीन अवैध बांग्लादेशी प्रवासी और उनके भारतीय सहयोगी को गिरफ्तार किया गया है.
यह गिरोह बांग्लादेश से असम के रास्ते भारत में घुसपैठ कराता था और जाली दस्तावेजों की सहायता से प्रवासियों को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में मदद करता था. फर्जी आधार कार्ड, पासपोर्ट, वोटर आईडी, पैन कार्ड, और ड्राइविंग लाइसेंस बनवाकर ये लोग बिना किसी संदेह के भारत में रह रहे थे.
क्राइम ब्रांच की इस महत्वपूर्ण कार्रवाई ने दिल्ली में सक्रिय अवैध प्रवासियों के इस नेटवर्क को उजागर कर दिया है, जिससे भविष्य में इस तरह की अवैध गतिविधियों पर रोक लगाने में सहायता मिलेगी.
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गिरफ्तार बांग्लादेशी नागरिक एवं बरामदगी
1. मोहम्मद इकबाल हुसैन उर्फ फरहान खान (44 वर्ष), पिता का नाम: स्वर्गीय अजीज खान, निवासी: जिला सुनामगंज, सिलहट डिवीजन, बांग्लादेश.
बरामदगी: फरहान खान के नाम से एक भारतीय पासपोर्ट, मोहम्मद इकबाल हुसैन के नाम से बांग्लादेशी पासपोर्ट की प्रति, आधार कार्ड, भारतीय ड्राइविंग लाइसेंस, जितेंद्र यादव और अमित यादव के नाम से दो भारतीय आधार कार्ड, एवं दो मोबाइल फोन जिनमें महत्वपूर्ण सबूत मौजूद
2. रज़ीब मियां उर्फ राहुल विश्वास उर्फ अमित यादव (21 वर्ष), पिता का नाम: अलाल मियां, निवासी: जिला दक्षिण सुनामगंज, सिलहट डिवीजन, बांग्लादेश.
बरामदगी: राहुल विश्वास के नाम से आधार कार्ड और भारतीय मतदाता पहचान पत्र (निवासी: NFC, दिल्ली), एवं एक मोबाइल फोन जिसमें महत्वपूर्ण सबूत मौजूद.
3. मोहम्मद मोमिन बदशा उर्फ मोहम्मद मोमिन हुसैन उर्फ जितेंद्र यादव (22 वर्ष), पिता का नाम: मोहम्मद हारिसुद्दीन, निवासी: जिला दक्षिण सुनामगंज, सिलहट डिवीजन, बांग्लादेश.
बरामदगी: मोहम्मद मोमिन हुसैन के नाम से आधार कार्ड, भारतीय मतदाता पहचान पत्र एवं पैन कार्ड (निवासी: जामिया नगर, दिल्ली), एवं एक मोबाइल फोन जिसमें महत्वपूर्ण सबूत मौजूद.
4. गिरफ्तार भारतीय सहयोगी: अग्रसेन कुमार (28 वर्ष), निवासी: ओखला फेज-II, दिल्ली – यह व्यक्ति एक बैंक में अधिकृत आधार कार्ड जारीकर्ता था, जिसने अवैध बांग्लादेशी नागरिकों के लिए सरकारी तंत्र में झूठी जानकारी देकर फर्जी आधार कार्ड बनाए.
दिल्ली अपराध शाखा ने अवैध बांग्लादेशियों को दबोचा
दिल्ली अपराध शाखा (दक्षिणी रेंज) की एक विशेष टीम अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान एवं कानूनी कार्रवाई के लिए गठित की गई थी. यह टीम इंस्पेक्टर विजय पाल दहिया एवं इंस्पेक्टर राम प्रताप के नेतृत्व में कार्य कर रही थी और इसका मार्गदर्शन एसीपी नरेश सोलंकी द्वारा किया जा रहा था.
अपराध शाखा ने दिल्ली के दक्षिणी और दक्षिण-पूर्वी जिलों के साप्ताहिक बाजारों में मुखबिरों को तैनात किया, जहां अवैध बांग्लादेशी प्रवासी गारमेंट व्यापार में संलिप्त थे. एएसआई कृष्णा पांडे एवं हेड कांस्टेबल संजय ने गारमेंट विक्रेता बनकर खुफिया जानकारी एकत्रित की.
इस दौरान पता चला कि मोहम्मद इकबाल हुसैन उर्फ फरहान खान अवैध रूप से दिल्ली में रह रहा था और अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए बांग्लादेशी नागरिकों की तस्करी कर रहा था.
जानें मुख्य आरोपी का इतिहास
1995: बांग्लादेश में स्कूल छोड़ने के बाद, मोहम्मद इकबाल हुसैन उर्फ फरहान खान ने 1996 से 2004 तक चावल व्यापार किया.
2004-2009: कार्य वीजा पर इंग्लैंड गया, जहाँ उसने डिलीवरी सेवाओं और रेस्तरां में काम किया.
2009-2016: बांग्लादेश लौटकर सुनामगंज में किराने की दुकान चलाई. इसी दौरान विवाह किया और एक बेटी हुई, जो अब भी बांग्लादेश में रहती है.
2017: असम सीमा के माध्यम से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और दिल्ली तक ट्रेन से पहुंचा. दिल्ली में जामिया नगर में रहने लगा और गारमेंट व्यापार शुरू किया.
2018: मध्य प्रदेश की एक महिला से दूसरी शादी की, बिना यह बताए कि वह बांग्लादेशी नागरिक है. इस विवाह से दो बेटियां हुईं.
2020: अवैध सिम कार्ड बेचने के आरोप में दिल्ली अपराध शाखा द्वारा गिरफ्तार हुआ.
2021-2022: भारतीय पासपोर्ट का दुरुपयोग कर व्यावसायिक वीजा पर दो बार बांग्लादेश यात्रा की.
2022: पंचशील विहार, मालवीय नगर में अपनी भारतीय पत्नी और बच्चों के साथ रहने लगा. गार्मेंट व्यापार को बढ़ाने के लिए असम सीमा से अवैध बांग्लादेशी नागरिकों की तस्करी शुरू की, जिसमें NCR के मानव तस्करों की मदद ली.
अवैध रूप से रहकर व्यापार और मानव तस्करी करने वाले इस गिरोह पर दिल्ली अपराध शाखा की बड़ी कार्रवाई जारी है.