PUSU के चुनाव में PK दिखाएंगे दम
प्रशांत किशोर ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा देने में विफल रहने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी की भी आलोचना की, उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार ने कभी भी शिक्षा सुधारों को प्राथमिकता नहीं दी और इसके बजाय मंत्री पदों के लिए राजनीतिक सौदेबाजी पर ध्यान केंद्रित किया।
उन्होंने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने पटना विश्वविद्यालय को केंद्रीय विश्वविद्यालय बनाने की मांग को खारिज कर दिया और दावा किया कि वे इसे अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालय बनाना चाहते हैं। हालांकि, ऐसा कुछ नहीं हुआ और जो कुछ बचा था, वह बर्बाद हो गया।’
‘पटना विश्वविद्यालय की गरिमा को नष्ट कर दिया’
प्रशांत किशोर ने कहा, ‘बुनियादी ढांचे के विकास, मेट्रो और डबल डेकर परियोजनाओं की आड़ में पटना विश्वविद्यालय की गरिमा को नष्ट कर दिया गया है। क्या आप कल्पना कर सकते हैं कि मेट्रो बनाने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय को ध्वस्त कर दिया जाए? लेकिन यहां बिहार में, मेट्रो परियोजना के लिए पटना विश्वविद्यालय के पूरे विज्ञान विभाग को ध्वस्त कर दिया गया है। यह केवल बिहार में ही संभव है और इसके लिए मैं नीतीश कुमार और भाजपा को जिम्मेदार मानता हूं।’
जन सुराज पार्टी की ओर से पीयूएसयू चुनावों में उम्मीदवार उतारे जाने के साथ ही प्रशांत किशोर छात्र राजनीति में सक्रिय रूप से अपना प्रभाव बढ़ा रहे हैं। पटना विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव 29 मार्च को होगा और नामांकन 10 मार्च से ही शुरू हो चुका है। पीयूएसयू के नतीजे 30 मार्च को घोषित किए जाएंगे।