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कर्नाटक में आरएसएस का प्रतिनिधि सभा शुरू हो चुका है. आज से शुरू हो रहा ये बैठक 23 मार्च तक चलेगा. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इसका उद्घाटन किया. इसी साल संघ का शताब्दी वर्ष पूरा हो रहा है.

कर्नाटक में आरएसएस का 3 दिवसीय बैठक शुरू हो चुका है.
RSS Meeting in Bengaluru: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का कर्नाटक में बैठक शुरू हो चुका है. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने इस बैठक का उद्घाटन किया. संघ प्रमुख मोहन भागवत ने शुक्रवार को कर्नाटक के बेंगलुरु में तीन दिवसीय अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा (एबीपीएस) की बैठक का उद्घाटन किया.अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा 21-23 मार्च तक कर्नाटक के बेंगलुरु में आयोजित की जा रही है.
प्रचार प्रमुख सुनील अंबेडकर ने एस बैठक को लेकर बयान जारी किया है. इनके बयान के अनुसार, ‘संघ व्यवस्था में, इस बैठक (बैठक) को सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था माना जाता है, और यह हर साल आयोजित की जाती है.’ बैठक बेंगलुरु के पास चन्ननहल्ली स्थित जनसेवा विद्या केंद्र के परिसर में आयोजित की जाएगी. बैठक में संघ के पिछले वर्ष (2024-25) की वार्षिक रिपोर्ट (कार्यवृत्त) पर चर्चा की जाएगी. आलोचनात्मक विश्लेषण के अलावा, विशेष पहलों पर रिपोर्टिंग भी की जाएगी.
संघ के सौ बर्ष
उन्होंने आगे कहा आगामी विजयादशमी (दशहरा) 2025 को संघ कार्य के सौ वर्ष पूरे हो रहे हैं. इस कारण विजयादशमी (दशहरा) 2025 से 2026 तक संघ का शताब्दी वर्ष पूर्ण होने का वर्ष माना जाएगा. शताब्दी वर्ष की प्रगति की समीक्षा के साथ-साथ बैठक में आगामी वर्ष के लिए विभिन्न कार्यक्रमों, आयोजनों और अभियानों की रूपरेखा तैयार की जाएगी. राष्ट्रीय मुद्दों पर दो प्रस्तावों को अपनाने पर विचार किया जाएगा.
हिंदू जागरण के मुद्दे पर बात
संघ शाखाओं से अपेक्षा के अनुरूप सामाजिक परिवर्तन के कार्य, विशेषकर पंच परिवर्तन के प्रयासों पर चर्चा होने की उम्मीद है. बैठक के एजेंडे में हिंदू जागरण के मुद्दे के अलावा देश के वर्तमान परिदृश्य का विश्लेषण, अनुवर्ती गतिविधियों पर चर्चा शामिल है. बैठक में आरएसएस के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत, सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सभी सह-सरकार्यवाह (संयुक्त महासचिव), अन्य पदाधिकारी और कार्यकारी समिति के सदस्य शामिल होंगे.
1500 लोग लेंगे भाग
इस बैठक में कुल 1500 कार्यकर्ताओं के शामिल होने की उम्मीद है, जिनमें मुख्य रूप से प्रांत और क्षेत्र स्तर के निर्वाचित प्रतिनिधि शामिल होंगे. आरएसएस से जुड़े संगठनों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, महासचिव और संगठन मंत्री भी मौजूद रहेंगे.