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Bhagat Singh: भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की ऐतिहासिक वस्तुएं संसद मार्ग थाने में नहीं हैं, सरकार ने स्पष्ट किया. संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने ASI की भूमिका और सांस्कृतिक केंद्रों के बजट का भी उल्लेख क…और पढ़ें

दिल्ली पुलिस के स्टेशन में भगत सिंह का है कोई सामान? संसद में सरकार से सवाल

भगत सिंह की निजी वस्तुओं को लेकर संसद में एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई. (फोटो PTI)

हाइलाइट्स

  • भगत सिंह की वस्तुएं संसद मार्ग थाने में नहीं हैं.
  • सरकार ने ASI की भूमिका स्पष्ट की.
  • 2023-24 में सांस्कृतिक केंद्रों के लिए बजट आवंटित.

नई दिल्ली: भगत सिंह का नाम सुनते ही उनके बलिदान और राष्ट्रवाद की तस्वीर हमारे ज़हन में उभर आती है. उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं और देश के युवाओं को प्रेरणा देते हैं. हाल ही में, संसद में उनकी और उनके साथी क्रांतिकारियों की निजी वस्तुओं को लेकर एक महत्वपूर्ण चर्चा हुई. इस दौरान सरकार ने भगत सिंह के सामान से जुड़े एक अहम सवाल का जवाब दिया.

संसद में उठे एक सवाल के जवाब में संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि दिल्ली पुलिस के संसद मार्ग थाने के स्टोररूम में भगत सिंह और बटुकेश्वर दत्त की कोई भी ऐतिहासिक वस्तु मौजूद नहीं है. उन्होंने स्पष्ट किया कि सरकार का ऐसा कोई रिकॉर्ड नहीं है और न ही ऐसी वस्तुओं को उनके परिवारों को लौटाने में सरकार की कोई भूमिका है.

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सरकार ने बताई ASI की क्या है भूमिका और जिम्मेदारी
मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने आगे बताया कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) द्वारा इस तरह का कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है. ASI को अदालत के आदेश या कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा सौंपी गई वस्तुओं को ही सुरक्षित रखा जाता है. मंत्री ने आगे बताया कि देश में सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र स्थापित किए गए हैं, जो लोक कला, संस्कृति और परंपराओं के संरक्षण और प्रचार के लिए काम कर रहे हैं. इन केंद्रों का उद्देश्य देश की सांस्कृतिक विविधता को बनाए रखते हुए राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है.

2023-24 के लिए बजट आवंटन
एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा, “भारत सरकार ने देश में सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक केंद्र (JDCC) स्थापित किए हैं. इनके मुख्यालय पटियाला (पंजाब), नागपुर (महाराष्ट्र), उदयपुर (राजस्थान), प्रयागराज (उत्तर प्रदेश), कोलकाता (पश्चिम बंगाल), दीमापुर (नागालैंड) और तंजावुर (तमिलनाडु) में हैं. ताकि देश में विभिन्न प्रकार की लोक, जनजातीय और स्थानीय कला और संस्कृति की रक्षा, प्रचार और संरक्षण किया जा सके.”

उन्होंने कहा, “इन JDCC की स्थापना का उद्देश्य राष्ट्र को सांस्कृतिक रूप से जोड़ना था, जबकि उनके क्षेत्रों की विशिष्टता को बनाए रखना था.” उन्होंने यह भी बताया कि 2023-24 के दौरान प्रयागराज केंद्र के लिए सबसे अधिक 54.06 करोड़ रुपये जारी किए गए. इसके बाद, कोलकाता स्थित केंद्र के लिए 28.99 करोड़ रुपये की राशि जारी की गई. मंत्री ने कहा कि 2023-24 के दौरान तंजावुर में दक्षिण क्षेत्र JDCC को 889 करोड़ रुपये आवंटित किए गए.

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