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STEALTH GUIDED MISSILE FRIGATE: भारतीय नौसेना में तलवार क्लास के वॉरशिप 2003 से शामिल होना शुरू हो गए थे. अब तक इस क्लास के 7 जंगी जहाज़ इस समय भारतीय नौसेना में समुद्री सुरक्षा में लगे है. इन 7 स्टेल्थ फ्रिगे…और पढ़ें

तवास्य है अपने नाम जैसा ही ताकतवर
हाइलाइट्स
- भारतीय नौसेना में नया स्टेल्थ फ्रिगेट तवास्य समंदर में हुआ लॉन्च.
- तवास्य ब्रह्मोस मिसाइल और वरुणास्त्र टॉरपीडो से लैस है.
- तवास्य 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकता है.
STEALTH GUIDED MISSILE FRIGATE: शिप बिलडिंग तकनीक में भारत दुनिया में सबसे तेजी से उभरा है. आत्मनिर्भर भारत के तहत 2047 तक नौसेना पूरी तरह से स्वदेशी हो जाएगी. एक के बाद एक नया आधुनिक वॉरशिप नौसेना में शामिल हो रहा है. जल्द दो नए मल्टी रोल स्टेल्थ गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट नौसेना में शामिल हो जाएंगे. तलवार क्लास इन दो फ्रीगेट का नाम है त्रिपुट और तवास्य. त्रिपुट का सी लॉन्च साल जुलाई 2024 को हुआ. शनिवार को तवस्य का सी लॉन्च भी हो गया. यह दोनों साल 2016 में भारत और रूस के बीच चार तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट्स के लिए समझौते के तहत है. जिनमें दो रूस में और दो भारत में गोवा शिपयार्ड में बनने थे. रूस में बना पहला फ्रिगेट INS तुशिल नौसेना में शामिल किया जा चुका है. दूसरा तमाल इसी साल जून तक शामिल होने की संभावना है.
तकत का दूसरा नाम है यह वॉरशिप
इस प्रोजेक्ट का चौथा और आखिरी शिप है ‘तवास्य’. यह नाम महाभारत के महान योद्धा भीम के गदा के नाम पर रखा गया है. इसकी ताकत भी उसी तरह की है. समुद्र में यह 30 नॉटिकल मील प्रति घंटे रफ़्तार से मूव कर सकता है. इससे ब्रह्मोस मिसाइल फायर किया जा सकता है. तवस्य 3000 किमी तक की दूरी एक बार में तय कर सकता है. एंटी सबमरीन वॉरफेयर के लिए भी इस खास तौर पर डिजाइन किया गया है. दुश्मन की सबमरीन के हमलों से निपटने के लिए एंटी सबमरीन रॉकेट्स और टॉरपीडो भी इस वॉरशिप में मौजूद हैं. इस वॉरशिप पर एक हेलीकॉप्टर को भी तैनात किया जा सकता है. इसका वजन 3900 टन है.
रूस यूक्रेन जंग का नहीं हुआ असर
तीन साल से ज्यादा से चल रहे रूस यूक्रेन के बीच युद्ध जारी है. माना जा रहा था रूस के साथ बनाए जा रहे तलवार क्लास का यह प्रोडेक्ट लटक सकता है. इन फ्रिगेट में यूक्रेन के इंजन लगा है. रूस में बने तुशिल और तमाल के लिए इंजन को जंग शुरू होने से पहले ही डिलिवर हो चुके थे. भारत में बन रहे दोनों फ्रीगेट के लिए इंजन युद्ध के दौरान डिलिवर हुए. भारत में गोवा शिपयार्ड में बने दोनों स्टेल्थ फ्रिगेट्स के इंजन अब समंदर में रफ्तार भरेंगे.
तमाल का क्रू पहुंचा रूस
तलवार क्लास का यह फालोऑन प्रोजेक्ट है. तुशिल तलवार क्लास के तीसरे बैच का पहला वॉरशिप तुशिल है दूसरा है तमाल, तीसरा त्रिपुट और चौथा तवास्य है. तमाल को लेने के लिए उसका क्रू रूस पहुंच चुका है. 200 के करीब भारतीय नौसेना का चालक दल रूस के सैंट पीटर्सबर्ग पहुंचा और ट्रेनिंग में हिस्सा ले रहा है. INS तुशिल को खुद रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने 9 दिसंबर 2024 को रूस जाकर नौसेना में शामिल किया. तमाल के लिए भी ग्रैंड तैयारी जारी है. इसी साल जून में नौसेना में शामिल हो सकता है.