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INDIAN AIRFORCE : वायुसेना में फाइटर की कमी को पूरा करने के लिए HAL तेजस का निर्माण कर रही है. HAL के CMD ने साफ किया है कि इस साल मार्च में पहली इंजन अमेरिकी कंपनी GE की तरफ से मिल जाएगा. इस कलेंडर इयर में 12…और पढ़ें

एयरफोर्स की क्षमता बढ़ाने के लिए रक्षा मंत्रालय एक्टिव, तैयार हो गई रिपोर्ट

वायुसेना की बढ़ेगी क्षमता

हाइलाइट्स

  • रक्षा मंत्रालय ने वायुसेना की क्षमता बढ़ाने की रिपोर्ट सौंपी.
  • रिपोर्ट में निजी क्षेत्र की भूमिका बढ़ाने की सिफारिश की गई.
  • वायुसेना प्रमुख ने तेजस की डिलीवरी में देरी पर नाराजगी जताई थी.

INDIAN AIRFORCE : भारतीय वायुसेना टू फ्रंट वार के लिए क्या तैयार है? इसका जवाब सभी जानना चाहते है. इस चुनौती से निपटने के वायुसेना को 42 फाइटर स्क्वॉड्रन सेंग्शंड स्ट्रेंथ हैं. लेकिन अभी हम इससे काफी पीछे है. इस कमी को स्वदेशी फाइटर तेजस से पूरा किया जाना है. इंजन ना मिलने के चलते यह प्रोग्राम लटका हुआ है. इसी कमी को कैसे पूरा किया जा सके इसे लेकर रक्षा सचिव की अध्यक्षता में एक एंपावर्ड कमेटी का गठन हुआ था. इस रोपर्ट को रक्षा सचिव राजेश कुमार सिंह ने सोमवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को सौंप दी है. सौंपी गई इस रिपोर्ट के कवर पेज पर ही तेजस की तस्वीर है. भारतीय वायुसेना की क्षमता को कैसे बढ़ाया जाए उसकी सिफारिशें इस रिपोर्ट में लिखी गई है.

रिपोर्ट में प्राइवेट सैक्टर की भूमिका बढ़ाने का जिक्र
रक्षा मंत्रालयल की तरफ से जारी बायान में कहा है कि इस कमिटी ने प्रमुख प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की पहचान की है. एयरफोर्स की क्षमता बढ़ाने के लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से हासिल करने के लिए शॉर्ट टर्म, मिड टर्म, लॉंग टर्म प्लान को इंप्लीमेंट करने के लिए सिफारिशें दी गई हैं. इसके अलावा इस रिपोर्ट में एयरोस्पेस क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की जरूरत पर भी जोर दिया गया है. रिपोर्ट में यह भी साफ किया गया कि प्राइवेट सेक्टर की भूमिका बढ़ाया जाए. निजी क्षेत्र, डिफेंस पीएसयू और DRDO इन प्रयासों को सहयोग देगा. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने यह निर्देश जारी किए है कि इस रिपोर्ट की सिफारिशों को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए.

वायुसेना प्रमुख भी कमी पर भड़क चुके है
भारतीय वायुसेना को समय में तेजस फाइटर जेट की डिलिवरी नहीं हो पा रही है. एयरफोर्स चीफ ने इसे लेकर कई बार चिंता भी जाहिर की है. एयरफोर्स चीफ मार्शल ए पी सिंह यह कह चुकें हैं कि वायुसेना को सालाना 35-40 नए फाइटर जेट की जरूरत है. वायुसेना प्रमुख ने एचएएल पर भी अपनी नाराजगी जाहिर की थी. साथ ही वायुसेना में हो रही कमी को पूरा करने के लिए ने प्राइवेट कंपनियों की भागीदारी से प्रॉडक्शन बढ़ाने का सुझाव भी दिया था.

वायुसेना का तेजस प्लान
मौजूदा सुरक्षा के लेहाज से भारतीय वायुसेना 42 फाइटर स्क्वार्डन के बजाए सिर 31 से ही काम चला रहा है.  मौजूदा दोतरफा चुनौती के लिए भारतीय वायुसेना की न सिर्फ फाइटर की जरूरत है बल्कि विदोशों  देशों पर निर्भरता को भी कम कराना है.  40 तेजस भारतीय वायुसेना के लिए लेने का करार हो चुका है. जिसके दो स्क्वाडरन अब तक स्थापित किए जा चुके है. स्वदेशी निर्मित 83 तेजस के लिए कारार तो पूरा हो गया एक विमान की डिलीवरी नहीं हुई है. साल 2021 में रक्षा मंत्रालय ने 83 तेजस मार्क 1 A का ऑर्डर दिया था जिससे कुल 4 स्क्वाड्रन बनेंगे. 5 अतिरिक्त स्क्वाड्रन के लिए 97 तेजस मार्क 1A की खरीद की मंजूरी भी दे दी गई है. तेजस के कुल 11 स्क्वाड्रन में 2 आ चुके है बाकी 9 आने आने है.

वायुसेना के फाइटर बेड़े की हालत
साल 2035 तक मौजूद लडाकू विमानों की मिग 21, मिग 27, मिग 29 पूरी तरह से फेज आउट हो जाएंगे. जैगुआर का पहला स्क्वाड्रन फेज आउट होना शुरू हो जाएगा उसके बाद नंबर आएगा मिराज 2000 के फेज आउट होने का. मौजूदा फाइटर फ्लीट में मिग 21 बिज़ , मिग 21 टाइप 96 का स्क्वाड्रन और मिग 27 के स्क्वाड्रन पूरी तरह से फेज आउट हो चुके है. मिग 21 बाइसन के 4 स्क्वाड्रन में 3 फेज आउट हो चुके है. नए तेजस आएंगे तो आकिरी बचा इकलौता स्क्वाड्रन भी रिटायर होगा. वायु सेना के मौजूदा फाइटर फ्लीट के मिग 29 अपग्रेड के 3 स्क्वाड्रन, मिराज 2000 के 3 स्क्वाड्रन और जेगुआर के 6 स्क्वाड्रन के अपग्रेड हो चुका है. दो स्क्वाड्रन रफाल के आ चुके है. फ्रंट लाइन फाइटर सुखोई 30 इस वक्त सबसे ज्यादा भारतीय वायुसेना के पास है इनकी संख्या 250 से उपर है.

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