आईपीएल मैचों का रोमांच जारी है। आईपीएल 2025 में मैचों का रोमांच जारी है, लेकिन जब भी आईपीएल की बात होती है तो एक नाम हमेशा दिमाग में आता है और वो है ललित मोदी, जिन्होंने भारत में आईपीएल मैचों की शुरुआत की थी। जिसने 2008 में भारत में पहली बार इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की शुरुआत की, वह आज भारत के लिए भगोड़ा है। पूर्व आईपीएल अध्यक्ष और भगोड़े ललित मोदी ने हाल ही में अपनी भारतीय नागरिकता त्यागने के लिए आवेदन किया है। वह वानुअतु की नागरिकता की तलाश में थे, लेकिन उन्हें यह नहीं मिल सकी।
आईपीएल की शुरुआत का जिक्र आते ही सबसे पहला नाम ललित मोदी का आता है। भारत में क्रिकेट दिल के बहुत करीब है। ऐसे देश में आईपीएल खेल शुरू करना आसान नहीं था। उन्होंने आईपीएल शुरू करने के लिए अपना करियर भी दांव पर लगा दिया। आईपीएल भारत में क्रिकेट का एक बिल्कुल नया प्रारूप था। आईपीएल में पैसा कौन लगाएगा और क्यों, कोई टीम क्यों खरीदेगा, टीम खरीदने वाले कैसे कमाएंगे?
किसी को समझ नहीं आ रहा था कि पैसे देकर उन्हें क्या मिलेगा, किसी को समझ नहीं आ रहा था कि नए फॉर्मेट के कारण यह फॉर्मेट कैसे पैसा कमाएगा। क्योंकि यहां न तो कोई संपत्ति थी और न ही कोई स्टेडियम। ये सारे सवाल ऐसे थे जिनका जवाब सिर्फ ललित मोदी ही दे रहे थे। ललित मोदी ही टीम फ्रेंचाइजियों को समझा रहे थे कि अगर कोई आईपीएल में पैसा लगाएगा तो उसे क्या मिलेगा?
ललित मोदी ने अपने संबंधों का इस्तेमाल कर बॉलीवुड उद्योगपतियों को आईपीएल टीम खरीदने के लिए राजी किया और इस तरह उन्होंने वर्ष 2008 में आईपीएल मैच की शुरुआत की। हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन, राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन और पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन में काम कर चुके ललित मोदी अब बीसीसीआई में भी अपना प्रभुत्व स्थापित कर चुके थे। वह 2008 से 2010 तक आईपीएल के कमिश्नर रहे।
ललित मोदी न केवल क्रिकेट प्रेमी हैं बल्कि करोड़ों की कंपनी के मालिक भी हैं। ललित मोदी मोदी एंटरप्राइजेज के अध्यक्ष हैं। भारत छोड़ने के बाद भी वह मोदी एंटरप्राइजेज की जिम्मेदारियां संभाल रहे थे। ये 12,000 करोड़ की कंपनियां कृषि, तंबाकू, पान मसाला, माउथ फ्रेशनर, कन्फेक्शनरी, खुदरा, शिक्षा, सौंदर्य प्रसाधन और मनोरंजन क्षेत्र में कारोबार करती हैं।