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Illegal Bangladeshi News: भारत ने अवैध बांग्‍लादेशी नागरिकों के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है. उनकी पहचान कर उन्‍हें वापस भेजा जा रहा है. अब इससे जुड़े एक मामले में कोर्ट ने भी बड़ा आदेश दिया है.

भारत में घुसे अवैध बांग्‍लादेशियों की खैर नहीं, कोर्ट ने कहा- देश से निकालो

कोर्ट ने अवैध बांग्‍लादेशी नागरिक को देश से निकालने का आदेश दिया है. (सांकेतिक तस्‍वीर)

ठाणे. महाराष्ट्र के ठाणे जिले की एक अदालत ने 36 साल की बांग्लादेशी महिला को भारत में अवैध रूप से रहने के लिए दोषी करार दिया है. कोर्ट ने उसे 14 माह 28 दिन के कारावास की सजा सुनाई है. एडिशनल सेशंस जज वसुधा एल भोसले ने मामले में 27 फरवरी को फैसला सुनाते हुए यह भी निर्देश दिया कि तानिया यूनुस शेख (जो पहले ही जेल में सजा की अवधि बिता चुकी है) को देश से निर्वासित किया जाए. उन्‍हें वापस भेजा जाए.

मुकदमे के दौरान अतिरिक्त लोक अभियोजक आरपी पाटिल ने अदालत को बताया कि तानिया शेख बिना वैध पासपोर्ट या वीजा के मुंबई के बाहरी इलाके मीरा रोड (पूर्व) में रह रही थी. अदालत ने कहा कि विदेशी (नागरिक) अधिनियम के अनुसार, अपनी राष्ट्रीयता साबित करने का दायित्व आरोपी पर है. बता दें कि लॉ एनफोर्समेंट एजेंसियों ने अभी तक दर्जनों अवैध बांग्‍लादेशियों की पहचान कर उन्‍हें वापस उनके देश भेज चुकी हैं. कुछ मामलों में कोर्ट ने भी तल्‍ख टिप्‍पणियां की हैं.

सेशंस जज ने अपने आदेश में कहा, ‘आरोपी का भारत में कोई स्थायी या अस्थायी पता नहीं है और वह भारतीय राष्ट्रीयता का कोई वैध प्रमाण देने में विफल रही है. उसने खुद पूछताछ के दौरान स्वीकार किया कि वह बांग्लादेशी नागरिक है. जांच अधिकारी और शिकायतकर्ता की गवाही पर अविश्वास करने का कोई कारण नहीं है.’

अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष की दलीलों पर विचार करने के बाद अदालत ने शेख को 14 माह 18 दिन के कारावास की सजा सुनाई, जो उसने 9 दिसंबर 2023 को अपनी गिरफ्तारी के बाद से पूरी कर ली है. साथ ही कोर्ट ने उसे निर्वासित करने का आदेश दिया. इसके अलावा उसपर 1,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है. अदालत ने कहा कि अगर वह जुर्माना नहीं भरती है तो उसे एक महीने की सश्रम कारावास की सजा काटनी होगी.

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भारत में घुसे अवैध बांग्‍लादेशियों की खैर नहीं, कोर्ट ने कहा- देश से निकालो

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