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Donald Trump: ट्रंप के बयान के बाद भारत में कांग्रेस और भाजपा के बीच विवाद बढ़ा. ट्रंप ने कहा कि अमेरिका ने साल 2022 में भारत को वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए 21 मिलियन डॉलर दिए थे. उनका कहना है कि भारत में वोटर ट…और पढ़ें

भारत में वोटर टर्न-आउट बढ़ाने की टेंशन हम क्‍यों लें...ट्रंप ने क्‍यों कहा ऐसा

भारत की राजनीति इस मुद्दे पर गरमा गई है. (File Photo)

हाइलाइट्स

  • ट्रंप के बयान से कांग्रेस-भाजपा में विवाद बढ़ा.
  • विदेश मंत्रालय ने ट्रंप के दावे को चिंताजनक बताया.
  • भाजपा ने कांग्रेस पर विदेशी फंडिंग का आरोप लगाया.

नई दिल्‍ली. अमेरिका के राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्र्रंप के एक बयान के बाद इस वक्‍त भारत में कांग्रेस और भाजपा के बीच तलवारें खिची हुई हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने लगातार तीसरे दिन इस बात पर जोर दिया कि भारत का चुनाव में वोटर टर्नआउट बढ़ाने की टेंशन अमेरिका क्‍यों लेगा. उन्‍होंने जो बाइडेन प्रशासन द्वारा इसके लिए दी गई 21 मिलियन डॉलर की रकम का जिक्र किया. ट्रंप ने यह दावा किया कि अमेरिका ने यह राशि भारत में मतदाता भागीदारी बढ़ाने के लिए साल 2022 में दी थी. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इसपर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए इसे चिंताजनक करार दिया.

मीडिया रिपोर्ट सामने आने के बाद बीजेपी की तरफ से आरोप लगाए गए कि कांग्रेस ने भारत के चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के लिए पैसे लिए. हालां‍कि कांग्रेस ने आरोपों का खंडन किया. विदेश मंत्रालय ने इस पूरे प्रकरण पर कहा कि USAID भारत के कई मंत्रालयों के साथ मिलकर काम करता है लेकिन हम अपनी संप्रभुता व चुनावी प्रक्रिया में विदेशी मदद स्‍वीकार नहीं करेंगे. दरअसल, डोनाल्‍ड ट्रंप का मकसद जो बाइडेन सरकार को घेरना था लेकिन इसपर भारत में राजनीति तेज हो गई है. मौके का फायदा उठाते हुए भाजपा ने ट्रम्प के एक्स पर दिए गए बयान को साझा किया, जिसमें विपक्ष द्वारा उनके खिलाफ रिपोर्ट का उपयोग करने की आलोचना की गई. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने ट्रंप के बयान पर रिएक्‍शन देते हुए कहा कि कांग्रेस शासन के दौरान भारत में अलग-अलग NGO को विदेशों से मिलने वाली फंडिंग बढ़ी है, ताकि राहुल गांधी को चुनावों में फायदा पहुंचाया जा सके.

अमित मालवीय ने उठाए सवाल
भाजपा के अमित मालवीय ने ट्वीट किया कि लगातार तीसरे दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भारत में मतदान को बढ़ावा देने के लिए USAID के वित्तपोषण के प्रयासों के बारे में अपना दावा दोहराया. लेकिन उन्हें अपने देश के खर्च के बारे में क्या पता है? उन्‍होंने इसमें एक भारतीय अखबार की रिपोर्ट का भी नाम लिया.

पवन खेड़ा ने क्‍या कहा?
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने रिपोर्ट पर सवाल किया कि क्या भाजपा का यह राष्ट्र-विरोध नहीं है कि वह तथ्यों की पुष्टि किए बिना विपक्षी दलों पर तुरंत उंगली उठा रही है. आरोप लगाया गया कि भाजपा सबसे लंबे समय तक विपक्ष में रही है और समय-समय पर सरकार को अस्थिर करने के लिए बाहरी ताकतों से प्रत्यक्ष और अनैतिक मदद लेती रही है.

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