पिछले दो दशकों में भारत में कंपनियों के शीर्ष प्रबंधन पदों पर महिलाओं की संख्या तीन गुना बढ़ गई है। 2004 में जहां केवल 11.7% महिलाएं उच्च पदों पर थीं, वहीं 2025 में यह आंकड़ा 36.5% तक पहुंच गया है। ग्रांट थॉर्नटन की वार्षिक “वीमेन इन बिजनेस 2025” रिपोर्ट के अनुसार, भारत में शीर्ष प्रबंधन में महिलाओं की भागीदारी वैश्विक औसत (34%) से भी अधिक हो गई है।
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बीते पांच वर्षों में उतार-चढ़ाव के बावजूद बढ़ी भागीदारी
हालांकि, पिछले पांच वर्षों में महिलाओं की भागीदारी में उतार-चढ़ाव देखने को मिला।
- 2021: 39.1%
- 2022: 38%
- 2023: 36%
- 2024: 33.9%
- 2025: 36.5%
इस वृद्धि का मुख्य कारण महिलाओं की शिक्षा और कार्यबल में बढ़ती भागीदारी है। महिलाएं पहले की तुलना में अधिक शिक्षित हो रही हैं और करियर को प्राथमिकता दे रही हैं, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहा है।
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में थाईलैंड सबसे आगे
एशिया-प्रशांत क्षेत्र में 32.9% शीर्ष प्रबंधन पदों पर महिलाएं हैं, जो वैश्विक औसत से कम है। हालांकि, थाईलैंड 43.1% भागीदारी के साथ इस क्षेत्र में सबसे आगे है। इसका मुख्य कारण वहां चाइल्ड केयर सुविधाओं की बेहतर उपलब्धता है।
महिलाएं किन शीर्ष पदों पर हैं?
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में विभिन्न उच्च पदों पर महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है:
पद | 2025 (%) | 2024 (%) |
---|---|---|
सीईओ | 21.7 | 19.1 |
सीओओ | 25.5 | 22.7 |
सीएफओ | 44.6 | 38.9 |
सीआईओ | 22.8 | 21.2 |
ह्यूमन रिसोर्स हेड | 47.6 | 45.7 |
चीफ मार्केटिंग ऑफिसर | 33.3 | 28.2 |
चीफ टेक्नोलॉजी ऑफिसर | 22 | 13.6 |
चेयरपर्सन | 11.2 | 8.9 |
पार्टनर | 8.1 | 7.9 |
भारत में कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी तेजी से बढ़ी
भारत के 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए महिला श्रम शक्ति की भागीदारी महत्वपूर्ण है। 2017-18 में यह 23.3% थी, जो 2023-24 में बढ़कर 41.7% हो गई।
वर्ष | महिला कार्यबल भागीदारी (%) |
---|---|
2017-18 | 23.3 |
2018-19 | 24.5 |
2019-20 | 30.0 |
2020-21 | 32.5 |
2022-23 | 37.0 |
2023-24 | 41.7 |
महिलाओं की बढ़ती भागीदारी से सकारात्मक बदलाव
रिपोर्ट से साफ है कि भारत में महिलाओं की शिक्षा और कार्यबल में भागीदारी बढ़ रही है। यह न केवल कॉरपोरेट सेक्टर में लैंगिक संतुलन बना रहा है, बल्कि देश की आर्थिक प्रगति में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।