मुंबई. महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में सियासी पारा अब उफान पर पहुंच गया है. बीजेपी के स्टार चुनाव प्रचारक और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ की महाराष्ट्र में ताबड़तोड़ रैलियों और उनके बयानों से राज्य की राजनीति में तूफान आ गया है. इस तूफान के चपेट में साथ-साथ चुनाव लड़ने वाले दल भी आते जा रहे हैं. यह तूफान महाविकास अघाड़ी में नहीं बल्कि महायुति के अंदर आया है. दरअसल, महाराष्ट्र की अमरावती में सीएम योगी ने बुधवार को मुस्लिमों को लेकर बड़ा बयान दिया था. सीएम योगी के इस बयान पर एनसीपी नेता अजित पवार ने कड़ा ऐतराज जताया है. जबकि, अजित पवार बीजेपी के साथ-साथ चुनाव लड़ रहे हैं. सीएम योगी के जिस बयान का आरएसस, पीएम मोदी और देवेंद्र फडणवीस का समर्थन मिल चुका है, उसी बयान पर अजित पवार ने क्यों अलग रुख अख्तियार किया?
आपको बता दें कि सीएम योगी ने बुधवार को महाराष्ट्र के अमरावती में एक चुनावी सभा में कहा ‘मैं शिवाजी महाराज से प्रेरणा लेकर बार-बार कहता हूं कि जब-जब बंटेंगे, तब-तब कटेंगे. अगर एक रहेंगे तो नेक और सेफ रहेंगे.’ सीएम योगी के इस बयान पर महाविकास अघाड़ी की तरफ से कोई प्रतिक्रिया आती तो इसमें आश्चर्य की बात नहीं थी. लेकिन, सीएम योगी के इस बयान पर एनसीपी नेता अजित पवार ने बवाल काट दिया. जबकि, अजित पवार बीजेपी के साथ चुनाव लड़ रहे हैं.
बीजेपी और एनसीपी में ऑल इज वेल?
अजित पवार ने कहा, जो ‘बंटेंगे तो कटेंगे’ की बात महाराष्ट्र में नहीं चलेगा. यहां की जनता सब समझती है. यहां सिर्फ छत्रपति शिवाजी महाराज की विचारधारा चलेगी.’ अजित पवार के इस बयान का अब मायने निकाला जा रहा है. खासकर, महायुति में शामिल अन्य दल बीजेपी और एकनाथ शिंदे को पवार का यह बयान सूट करेगा? बता दें कि अजित पवार के इस बयान से समझ में नहीं आ रहा है कि इस बार के चुनाव में कौन सी पार्टी किस विचारधारा के साथ चुनाव लड़ रही है.
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योगी से मुस्लिम वोट बैंक खिसकने का डर?
क्या एनसीपी नेता का बयान मुस्लिम वोटबैंक को अपने साथ बरकरार रखने के लिए दिया गया है या फिर देवेंद्र फडणवीस के उस बयान की प्रतिक्रिया है, जिसमें फडणवीस ने कहा था कि एनसीपी के साथ कुछ मुद्दों पर असहमति है. खासकर, फडणवीस दाऊद इब्राहिम के करीबी नवाब मलिक को टिकट देने पर एनसीपी का खुलकर विरोध कर चुके हैं. साथ ही नवाब मलिक के लिए चुनाव प्रचार नहीं करने का भी ऐलान कर चुके हैं.
महायुति का क्या है भविष्य?
वहीं, राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी के चुनावी सभा करने से अजित पवार का मुस्लिम वोट बैंक छिटक सकता है. अजित पवार ने मुस्लिम वोट बैंक को साधने के लिए छत्रपति शिवाजी का नाम लेकर योगी के ‘बंटेगे तो कंटेगे’ बयान का विरोध किया है.’ बुधवार को अमरावती की जनसभा में सीएम योगी ने कहा था कि यहां नवनीत राणा हनुमान चालीसा का पाठ करने के लिए संघर्ष कर रही थीं. त्रेतायुग में जब बजरंग बली रहे होंगे, तब इस्लाम नाम की वस्तु ही नहीं रही होगी. यहां रामनवमी की शोभायात्रा नहीं निकालने दी जाती है, हनुमान चालीसा का पाठ करने से रोका जाता है. इसलिए, जिनको हनुमान जी पसंद नहीं हैं, उन्हें जो जगह पसंद है वहीं चले जाएं.’
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FIRST PUBLISHED : November 7, 2024, 14:39 IST