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यूएई में मौत की सजा पाने वाली यूपी की शहजादी खान को अबू धाबी में दफना दिया गया. इसके साथ ही एक और भारतीय केरल के मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू के शव को भी दफनाया गया.

मौत की सजा पाई शहजादी के शव को अबू धाबी में दफनाया गया, पिता का छलका दर्द

शहजादी खान के शव को अबू धाबी में दफनाया गया. (Image:AI)

नई दिल्ली. संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की राजधानी अबू धाबी में मौत की सजा पाए 2 भारतीय नागरिकों के शवों को आज दफना दिया गया. इसके बारे में विदेश मंत्रालय ने एक बयान में पूरी जानकारी साझा की है. विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नागरिक शहजादी खान को आज यूएई अधिकारियों के नियमों के अनुसार अबू धाबी में दफनाया गया. दफनाने से पहले शहजादी खान के परिवार के अधिकृत प्रतिनिधियों ने उनके पार्थिव शरीर को श्रद्धांजलि दी. वे मस्जिद में जनाजे की नमाज के साथ-साथ बनिया कब्रिस्तान में दफनाने में भी शामिल हुए. दूतावास के अधिकारियों ने इस संबंध में अधिकृत प्रतिनिधियों की मदद की और अंतिम संस्कार में भी शामिल हुए.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक भारतीय नागरिक मुहम्मद रिनाश अरंगीलोट्टू को आज ही दफनाया गया. उनके परिवार के सदस्य भी उनके अंतिम दर्शन करने और दफनाने से पहले नमाज में हिस्सा लेने के लिए मौजूद थे. इससे पहले पिछले महीने अबू धाबी में फांसी की सजा पाने वाली भारतीय महिला के पिता ने आरोप लगाया है कि उनकी बेटी शहजादी खान को न्याय नहीं मिला और भारत सरकार ने परिवार को कोई सहायता नहीं दी.

परिवार के वकील अली मोहम्मद ने फांसी को ‘न्यायिक हत्या की आड़ में न्यायेतर हत्या’ करार दिया है. शहजादी खान (33) को अबू धाबी में चार महीने के बच्चे की कथित तौर पर हत्या को लेकर 15 फरवरी को फांसी दी गई थी. शहजादी उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के गोयरा मुगलई गांव की रहने वाली थी. शहजादी खान 10 फरवरी, 2023 से अबू धाबी पुलिस की हिरासत में थी और उसे 31 जुलाई, 2023 को मौत की सजा सुनाई गई थी. उसे फांसी दिये जाने की खबर सोमवार को दिल्ली उच्च न्यायालय में सुनवाई के दौरान सामने आई, जब विदेश मंत्रालय ने पुष्टि की कि उसे पिछले महीने फांसी दी जा चुकी है.

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शहजादी खान के परिवार को 28 फरवरी तक उसे फांसी दिये जाने के बारे में जानकारी नहीं थी. इसकी आधिकारिक पुष्टि होने पर परिवार को जानकारी मिली. शब्बीर खान ने कहा कि उन्होंने अपनी बेटी से आखिरी बार 14 फरवरी को बात की थी. इसके एक दिन बाद ही उसे फांसी दी गई. यह पूछे जाने पर कि क्या सरकार ने कोई समर्थन का आश्वासन दिया था, इस पर शब्बीर खान ने कहा कि ‘नहीं, हमें कोई सहायता नहीं मिली.’ उन्होंने कहा कि उनके परिवार ने नेताओं और यहां तक कि फिल्मी हस्तियों से भी संपर्क किया था, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ.

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