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World Water Day: राजकोट के हीर और वृत्तिका राजाणी ने ‘जादुई गमला’ बनाया है, जो 15 दिन तक बिना पानी के पौधों को जीवित रखता है. वे पिछले 7 सालों से पानी बचाने के लिए काम कर रहे हैं.

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‘जादुई गमला’, 15 दिन तक नहीं डालना पड़ेगा पानी

हाइलाइट्स

  • राजकोट के भाई-बहन ने ‘जादुई गमला’ बनाया.
  • यह गमला 15 दिन तक बिना पानी के पौधों को जीवित रखता है.
  • हीर और वृत्तिका राजाणी पानी बचाने के लिए काम कर रहे हैं.

राजकोट: विश्व जल दिवस हर साल 22 मार्च को पूरी दुनिया में मनाया जाता है. इस दिन का मुख्य उद्देश्य स्वच्छ पानी की आपूर्ति करना और पानी के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाना है. साथ ही, इस दिन का दूसरा महत्वपूर्ण उद्देश्य उन लोगों में जागरूकता लाना है जिनके पास पर्याप्त पानी नहीं है. राजकोट के हीर राजाणी और वृत्तिका राजाणी पिछले 7 सालों से विभिन्न परियोजनाओं के माध्यम से पानी कैसे बचाया जा सकता है, इस पर काम कर रहे हैं. उन्होंने एक ऐसा ‘जादुई गमला’ बनाया है, जिसमें आप 15 दिन तक पानी न डालें तो भी पौधे जीवित रह सकते हैं. आइए जानें कि यह विचार कैसे आया.

एक अनोखा “जादुई गमला” तैयार किया है
राजकोट के भाई-बहन हीर राजाणी और वृत्तिका राजाणी पिछले 7 सालों से पानी बचाने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं पर काम कर रहे हैं. इन भाई-बहन ने एक अनोखा “जादुई गमला” तैयार किया है, जिसमें आप एक बार पानी डालें तो 15 दिन तक पौधों को फिर से पानी देने की जरूरत नहीं पड़ती. इस जादुई गमले का उपयोग खासकर उन इलाकों में किया जा सकता है जहां पानी की कमी होती है.

हीर राजाणी और वृत्तिका राजाणी द्वारा पानी बचाने के लिए अलग-अलग परियोजनाओं पर काम किया जा रहा है. वे बारिश के पानी का संरक्षण कैसे करें, फैक्ट्री में पानी की बचत कैसे करें, और स्कूलों में पानी की बचत कैसे करें, इस पर मार्गदर्शन देते हैं.

इन भाई-बहन ने अब तक 30-40 स्कूलों का दौरा कर छात्रों को पानी बचाने के बारे में मार्गदर्शन दिया है. उनका सुझाव है कि छात्र स्कूल में जो पानी की बोतल में बचा हुआ पानी फेंक देते हैं, उसके बजाय स्कूल में एक टंकी रखी जाए जिसमें छात्र यह बचा हुआ पानी डाल सकें. इस पानी का उपयोग स्कूल की बस को धोने या स्कूल के बगीचे में किया जा सकता है.

4 से 5 हजार लीटर पानी बचाया जा सकता
वे रेन वाटर हार्वेस्टिंग पर भी जोर देते हैं. उनके अनुसार, अगर 120 वर्ग मीटर के मकान पर एक इंच बारिश होती है तो 4 से 5 हजार लीटर पानी बचाया जा सकता है. ऐसे रेन हार्वेस्टिंग प्रोजेक्ट से हम बोरवेल को रिचार्ज कर सकते हैं. अगर कोई व्यक्ति ऐसा गमला घर पर बनाना चाहता है तो दिए गए हीर राजाणी के इस नंबर पर संपर्क कर सकता है. मो. 93160 79971

इन भाई-बहन का मानना है कि अगर हम पानी नहीं बचाएंगे तो जल्द ही पानी की कमी हो जाएगी. वे कहते हैं कि पानी किसी फैक्ट्री में नहीं बनता, इसलिए मानसून में हमें पानी बचाना जरूरी है. अगर बारिश का पानी बचाया जाए तो गर्मियों में पानी के टैंकर मंगवाने की जरूरत नहीं पड़ेगी और आने वाली पीढ़ी के लिए भी पानी सुरक्षित रहेगा. इस प्रकार, विश्व जल दिवस पर राजकोट के इन भाई-बहन का प्रयास प्रेरणादायक है और हमें भी पानी बचाने के लिए प्रेरित करता है.

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