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Ramzan Boycott Hindu Shops: प्रेम और भाईचारे वाले त्योहार ईद से पहले रमजान के महीने में कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं. कुछ आपत्तिजनक मैसेज सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं. इस मैसेज में अल्पसंख्यक समुदाय के …और पढ़ें

सोशल मीडिया पर फैलाया जा रहा है भाईचारे में जहर घोलने वाला मैसेज.
हाइलाइट्स
- सोशल मीडिया पर फैल रहे कुछ आपत्तिजनक मैसेज वायरल.
- रमजान के महीने में कुछ लोग नफरत फैला रहे हैं.
- हिंदू दुकानदारों से सामान ना खरीदने की अपील.
नई दिल्ली: ईद का त्यौहार प्रेम और भाईचारे का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इस बार सोशल मीडिया पर फैल रहे कुछ आपत्तिजनक मैसेज इस त्यौहार की मिठास में जहर घोल रहे हैं. इन संदेशों में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों से अपील की जा रही है कि वे ईद पर हिंदू दुकानदारों से कोई भी खरीदारी न करें.
गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले ही कुछ साधु संतों ने ब्रज की होली में अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों की भागीदारी पर आपत्ति जताई थी. दरअसल, नफ़रत फैलाने वाले ऐसे संदेशों का सिलसिला पिछले साल नवंबर-दिसंबर में महाकुंभ के दौरान शुरू हुआ था, जब कुछ साधु-संतों ने सरकार से मांग की थी कि महाकुंभ में किसी भी अल्पसंख्यक समुदाय के व्यक्ति को दुकान आवंटित न की जाए.
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लोगों से अपील की जा रही है कि वे ईद पर हिंदू दुकानदारों से कोई भी खरीदारी न करें.
धर्मगुरुओं ने नफ़रत फैलाने वालों की निंदा की
सोशल मीडिया पर फैल रहे इन नफरत भरे संदेशों पर मुस्लिम धर्मगुरु मौलाना कारी जुबेर ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस्लाम में ऐसा कहीं नहीं लिखा है कि किसी दूसरे धर्म के दुकानदार से सामान न खरीदा जाए. इस्लाम में ‘बहिष्कार’ जैसा कोई शब्द ही नहीं है. उन्होंने लोगों से अपील की कि वे सभी धर्मों के दुकानदारों से खरीदारी करें और हिंदू-मुस्लिम एकता को मजबूत करें.
वहीं, हिंदू धर्मगुरु महंत बजरंग दास ने सफाई देते हुए कहा कि महाकुंभ में साधु-संतों द्वारा की गई मांग का कारण अल्पसंख्यकों द्वारा फैलाई जा रही गंदगी थी, और उनका उद्देश्य किसी समुदाय विशेष को निशाना बनाना नहीं था.

सोशल मीडिया पर जहर घोलने का काम किया जा रहा है.
क्या कहते हैं नेता और आम लोग?
उत्तर प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री जयवीर सिंह ने साफ तौर पर कहा कि महाकुंभ में मुस्लिम दुकानदारों को दुकानें आवंटित न करने का कोई सरकारी आदेश जारी नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि जब भी इस तरह के नफरत फैलाने वाले संदेश सामने आते हैं, तो जनता खुद इन्हें नकार देती है. वहीं समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता अमिक जमाई ने आरोप लगाया कि नफरत फैलाने वाले ऐसे संदेशों की शुरुआत बीजेपी की राजनीति से हुई है.
लखनऊ के नरही मार्केट में जब इस बारे में आम लोगों से बात की गई, तो उनका कहना था कि सोशल मीडिया पर भले ही ऐसी बातें चल रही हों, लेकिन असल जिंदगी में सभी समुदाय के लोग उनके यहां खरीदारी करने आते हैं.
New Delhi,Delhi
March 06, 2025, 23:40 IST
रमजान पर बढ़ रही नफरत की दीवार? फैल रहा भाईचारे में जहर घोलने वाला मैसेज