राजस्थान सरकार ने अब जनता को जयपुर की दौड़ से मुक्ति दिलाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। अब, 10 हजार वर्ग मीटर तक के आवासीय पट्टे और भवनों के निर्माण की अनुमति यूआईटी और नगर निगम अपने स्तर से ही जारी कर सकेंगे। इससे आम जनता को अब पट्टे लेने के लिए जयपुर जाने की आवश्यकता नहीं होगी। यह निर्णय जनता के लिए बड़ी राहत साबित होगा, साथ ही भवन निर्माण की प्रक्रिया भी सरल हो जाएगी।
आदेश एक अप्रैल से लागू होगा
राज्य सरकार ने इस आदेश को एक अप्रैल से लागू करने का निर्णय लिया है। इसके तहत, नगर विकास न्यास और शहरी क्षेत्रों में स्थित नगर निगम और नगर परिषद क्षेत्रों में 10 हजार वर्ग मीटर तक के आवासीय पट्टे और 5 हजार वर्ग मीटर तक के गैर आवासीय पट्टे स्थानीय स्तर पर ही जारी किए जा सकेंगे। इसके साथ ही, 40 मीटर तक ऊंचे भवनों के निर्माण की अनुमति भी स्थानीय स्तर पर दी जा सकेगी। नगर पालिकाओं में 5 हजार वर्ग मीटर तक के आवासीय पट्टे, 2500 वर्ग मीटर तक के गैर आवासीय पट्टे और 30 मीटर तक ऊंचे भवनों के निर्माण की अनुमति भी इसी प्रक्रिया के तहत दी जाएगी।
पहले जनता को जयपुर की दौड़ लगानी पड़ती थी
पहले बड़े भूभाग पर इंस्टीट्यूट खोलने या किसी प्रोजेक्ट को शुरू करने के लिए लोगों को जयपुर स्थित यूडीएच (Urban Development and Housing Department) में जाना पड़ता था। इस प्रक्रिया में कई बार फाइल यूआईटी के जरिए यूडीएच तक जाती थी, जहां फाइलों का बहुत ज्यादा भार होने के कारण लंबा समय लगता था। लोगों को बार-बार पत्राचार करना पड़ता था और यूडीएच तक का सफर करना होता था। अधिक ऊंचाई वाले भवनों के लिए अनुमति भी वहीं से मिलती थी। अब यह अधिकार यूआईटी और नगर निगम के पास आ जाने से यह प्रक्रिया काफी तेज हो जाएगी।
जनता को मिलेगा आराम, बढ़ेगा राजस्व
यूआईटी से सेवानिवृत्त एक्सईएन प्रमोद शर्मा का कहना है कि यूआईटी और नगर निगम को दिए गए नए अधिकारों से जनता को लाभ मिलेगा। अब पट्टे समय पर जारी होंगे और इससे विभागों के राजस्व में भी वृद्धि होगी। हालांकि, मास्टर प्लान के अनुसार ही इन पट्टों और भवन निर्माण की अनुमति दी जाएगी, ताकि कोई गड़बड़ी न हो। यदि नियमों का उल्लंघन किया गया, तो उसे तुरंत पकड़ा जाएगा।