समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन की एक विवादित टिप्पणी पर सियासत गरम है. एक ओर जहां बीजेपी ने उनके बयान पर करारा पलटवार किया है, वहीं, राणा सांगा के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ ने भी कड़ी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा कि संसद में ऐसे लोग भी पहुंचते हैं, ऐसे लोगों से महाराणा सांगा को प्रमाण पत्र की कोई जरूरत ही नहीं है. लेकिन सदन की गरिमा और हमारे इतिहास में से एक महान व्यक्तित्व के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी करने पर कड़ी कार्रवाई की जरूरत है.
विश्वराज सिंह मेवाड़ ने आजतक से कहा कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने जो कहा मैंने उसकी रिकॉर्डिंग देखी है. ये कहना तथ्यात्मक रूप से गलत है कि बाबर को राणा सांगा लेकर आए थे. राणा सांगा ने वास्तव में बाबर के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी. उन्होंने (समाजवादी पार्टी के सांसद ने) जो कहा वह पूरी गलत था और जिस तरह से उन्होंने कहा वह और भी ज्यादा गलत था.
राणा सांगा के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ ने कहा कि राज्यसभा को वरिष्ठों का सदन माना जाता है, वहां कुछ परिपक्वता दिखाई जानी चाहिए. मैंने भाजपा के कुछ वरिष्ठ लोगों को (समाजवादी पार्टी के सांसद की टिप्पणियों के बारे में) लिखा है.
क्या कहा था सपा सांसद रामजी लाल सुमन ने?
समाजवादी पार्टी के सांसद रामजी लाल सुमन ने राज्यसभा में कहा कि बीजेपी के लोगों का ये तकियाकलाम बन गया है कि इनमें बाबर का DNA है. रामजी लाल ने कहा कि ‘मैं जानना चाहूंगा कि बाबर को आखिर लाया कौन? इब्राहिम लोदी को हराने के लिए बाबर को राणा सांगा लाया था’. उन्होंने कहा कि ‘मुसलमान अगर बाबर की औलाद हैं तो तुम लोग उस गद्दार राणा सांगा की औलाद हो, ये हिन्दुस्तान में तय हो जाना चाहिए कि बाबर की आलोचना करते हो, लेकिन राणा सांगा की आलोचना नहीं करते?’
क्षुद्र और छोटे दिल वाले लोग ऐसी बातें करते हैंः केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत
सपा सांसद रामजी लाल सुमन की राज्यसभा में की गई टिप्पणी पर केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि जो लोग आज नहीं बल्कि 1000 वर्षों के भारत के इतिहास की समीक्षा करते हैं, वे बाबर और राणा सांगा की तुलना कभी नहीं कर सकते और उन्हें एक ही तराजू पर नहीं रख सकते. महाराणा सांगा ने आजादी की अलख जगाई थी. उन्होंने भारत को गुलामी से बचाया और साथ ही भारत की संस्कृति को ‘सनातनी’ बनाए रखने में भी अहम योगदान दिया. कुछ क्षुद्र और छोटे दिल वाले लोग ऐसी बातें करते हैं, लेकिन मुझे लगता है कि ऐसी चर्चाओं की कोई गुंजाइश नहीं है.