उत्तर प्रदेश के अयोध्या (Ayodhya) में इस वर्ष राम नवमी से पहले संतों द्वारा भव्य रामकोट परिक्रमा का आयोजन किया जाएगा. इसे ऐतिहासिक और दिव्य रूप देने के लिए संतों की एक महत्वपूर्ण बैठक हुई. इसमें परिक्रमा को लेकर चर्चा की गई. इस आयोजन में विभिन्न मंदिरों से झांकियां निकाली जाएंगी, जो श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होंगी. अयोध्या में रामलला की शास्त्रीय सीमा को रामकोट कहा जाता है.
जानकारी के अनुसार, अयोध्या के मठ-मंदिरों के साधु-संत राम मंदिर की परिक्रमा करेंगे, जिसमें राम मंदिर के शास्त्रीय सीमा रामकोट के परिधि की परिक्रमा की जाएगी. इस वर्ष अलग-अलग मंदिरों से झांकियां निकाली जाएंगी, जिनमें बावन जी हनुमानगढ़ी, निशान के साथ सरयू मां वशिष्ठ जी झांकी प्रमुख होंगी.
इसके अलावा अन्य मंदिरों की भी प्रतीकात्मक रूप से झांकी निकाली जाएगी. अयोध्या के साधु-संतों ने रामनवमी से पहले पंचकोसी परिक्रमा का निर्णय लिया है. यह परिक्रमा पिछले 21 वर्षों से लगातार आयोजित की जा रही है, जिसमें रामलला के शास्त्रीय सीमा की परिक्रमा की जाती है. अयोध्या में रामकोट की परिक्रमा को लेकर संतों और महात्माओं की महत्वपूर्ण बैठक एक मंदिर में संपन्न हुई. यह परिक्रमा पिछले 20 वर्षों से हो रही है, लेकिन इस बार इसे और अधिक दिव्य और भव्य बनाने की योजना बनाई जा रही है.
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संतों की बैठक में निर्णय लिया गया कि रामनवमी से पहले रामकोट की परिक्रमा की जाएगी. संतों और महात्माओं ने श्रद्धालुओं से इस आयोजन को सफल बनाने के लिए सहयोग देने का आग्रह किया. इस बार परिक्रमा के दौरान एक-एक झांकी निकाली जाएगी, जिससे यह आयोजन ऐतिहासिक और अद्वितीय बनेगा.
आयोजकों के अनुसार, रामकोट परिक्रमा का उद्देश्य श्रद्धालुओं को भगवान श्रीराम की लीलाओं और उनकी महिमा से जोड़ना है. बैठक में यह भी चर्चा हुई कि परिक्रमा मार्ग को भव्य रूप से सजाया जाएगा और विभिन्न धार्मिक एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा. श्रद्धालुओं में इस भव्य परिक्रमा को लेकर भारी उत्साह देखा जा रहा है, और अयोध्या में इसकी तैयारियां जोरों पर हैं.