
रूस यूक्रेन युद्ध.
रूस के दस शहर इस वक्त विनाश की आग में धधक रहे हैं. यूक्रेनी फोर्स ने रूस पर अब तक का सबसे बड़ा हमला कर दिया है. हैरानी की बात ये है कि इस बार भी रूस के घातक एयर डिफेंस सिस्टम पूरी तरह से नाकाम साबित रहे. अब यूक्रेन ने हमले का पैटर्न बदल दिया है. यूक्रेनी फोर्स अब सिर्फ ड्रोन से हमले कर रही है. 24 घंटे के अंदर यूक्रेन ने रूसी धरती पर 150 से ज्यादा ड्रोन हमले किए. सवाल यही है कि आखिर इस ड्रोन हमले के पीछे नाटो और यूक्रेन की संयुक्त योजना क्या है?
यूक्रेन युद्ध में अब तक का सबसे खतरनाक दौर शुरू हो गया है. तीन साल में ये पहली बार है, जब दोनों देशों ने एक-दूसरे को ड्रोन से तबाह करना शुरू कर दिया है. यूक्रेन ड्रोन विस्फोट कर रूस के ऊर्जा ठिकानों को समाप्त कर रहा है, तो रूस शाहेद ड्रोन से यूक्रेनी शहरों को श्मशान बना रहा है.
यूक्रेन ने 150 से ज्यादा ड्रोन अटैक किए
यूक्रेन अपनी जमीन बचाने के बजाय रूस के अंदर जबरदस्त हमले कर रहा है. यूक्रेनी इंटेलिजेंस के मुताबिक, यूक्रेन ने इस बार रूस के अंदर 150 से ज्यादा ड्रोन फायर किए, जिससे रूसी प्रांतों में विनाश की बड़ी आग भड़क गई. यूक्रेन के लिए ड्रोन ही आखिरी सहारा बचा है. अमेरिकी मदद बंद होने के बाद अब यूक्रेन के पास हथियारों की बेहद कमी हो गई है. दूसरी ओर यूक्रेन के सैनिक भी जान बचाने के लिए फ्रंटलाइन छोड़कर भाग रहे हैं.
इससे यूक्रेनी फोर्स की हालत बेहद नाजुक हो गई है. नाटो और यूरोप के कुछ देश किसी तरह मदद देकर यूक्रेन को जंग में बनाए रखा है, क्योंकि यूरोपीय देशों को डर है कि यूक्रेन के सरेंडर करते ही पुतिन सेना यूरोप विजय का अभियान लॉन्च कर देगी.यूक्रेन अब ड्रोन हमला कर रूस के एनर्जी सेक्टर को तहस नहस कर रहा है. पिछले 1 महीने में यूक्रेन रूस की 15 ऑयल रिफाइनरी और ऑयल डिपो को जला चुका है. उस्त लुगा पोर्ट पर जो ऑयल टर्मिनल है, यूक्रेन उसपर भी हमला कर चुका है.
हमलों को रोकने में नाकाम रूस के एयर डिफेंस सिस्टम
यार्तसेवो ऑयल डिपो, स्तोवो ऑयल रिफाइनरी, कलुगा ऑयल डिपो, ब्रियांस्क ऑयल डिपो, ओरयोल ऑयल डिपो, रियाजान ऑयल रिफाइनरी, लिस्किंस्का ऑयल डिपो, तनेको ऑयल रिफाइनरी, कंबीनत क्रिस्तल तेल भंडार, सारातोव ऑयल रिफाइनरी, नोवोशखतिन्स्क ऑयल रिफाइनरी, तवेर ऑयल डिपो, निज्नी नोवगोरोद ऑयल रिफाइनरी और वोल्गोग्राद ऑयल रिफाइनरी… ये रूस के वो 15 ऊर्जा ठिकाने हैं, जिसे यूक्रेन एक महीने के अंदर जला चुका है. हैरानी की बात ये है कि रूस के एयर डिफेंस सिस्टम यूक्रेन के इन हमलों को रोक नहीं पा रहे हैं.
यूक्रेन में ट्रेनिंग के नाम पर नाटो के कमांडर मौजूद हैं. रूस के मुताबिक, यूक्रेन अब जो हमले कर रहा है, वो नाटो के कमांडर की मदद से कर रहा है. यूक्रेनी फोर्स ड्रोन हमले कर रूसी उर्जा ठिकानों को इसलिए जला रही है ताकि रूस अपनी धरती की रक्षा पर फोकस करे. इसके लिए रूस को यूक्रेन वॉर जोन से अपनी सेना कम करनी पड़ेगी, जिससे यूक्रेन की हार टल जाएगी.
नाटो और यूक्रेन की इस चाल को क्रेमलिन समझ रहा है. शायद यही वजह है कि रूस में यूक्रेन के विध्वंसक हमलों के बावजूद उसका कब्जा अभियान पूरी रफ्तार से जारी है. इस अभियान के तहत ही रूस को डोनेस्क में बहुत बड़ी कामयाबी मिल गई है. रूस ने डोनेस्क के आखिरी बड़े शहर वेलिकाया नोवोसेलिका पर भी कब्जा कर लिया है. इस शहर पर रूस ने अपना परचम फहरा दिया है.
डोनेस्क के 90% इलाके पर रूस का कब्जा
रूसी रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, डोनेस्क के 90% इलाके पर रूस का कब्जा हो चुका है. बाकी 10 फीसदी इलाके पर जल्द ही कब्जा हो सकता है. इसके लिए रूस ने पूरी ताकत झोंक दी है. डोनेस्क के तोरेस्क में रूसी सेना जबरदस्त हमले कर रही है. इसी के साथ रूसी सेना ने कई और फ्रंट पर जबरदस्त हमले किए.
यूक्रेन के मुताबिक रूसी सेना ने 102 ड्रोन फायर किए. यूक्रेन का दावा है कि उसने रूस के 59 ड्रोन को इंटरसेप्ट कर लिया. मगर, बाकी ड्रोन अपने टारगेट को तबाह करने में सफल रहे. इस तरह यूक्रेन के अस्तित्व पर बड़ा खतरा मंडरा रहा है. जेलेंस्की सेना पूरी तरह से लाचार हो गई है. जेलेंस्की ने ट्रंप से अपील करते हुए कहा कि अगर अमेरिका ने यूक्रेन की मदद नहीं की तो यूरोप का भी बचना असंभव हो जाएगा.