रोहित शर्मा को पूरी रात नहीं आई नींद, टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाने के बाद कप्तान का खुलासा

रोहित की कप्तानी में आखिर भारत ने वर्ल्ड कप जीत ही लिया.Image Credit source: PTI

करीब ढाई साल पहले जिस काम के लिए रोहित शर्मा को टीम इंडिया की कमान सौंपी गई थी, आखिर पूरा हो ही गया. पिछले एक साल के अंदर लगातार 2 वर्ल्ड चैंपियनशिप फाइनल में हार का दर्द झेलने वाले रोहित शर्मा ने आखिर अपनी कप्तानी टीम इंडिया को वर्ल्ड चैंपियन बनाकर ही दम लिया. बारबडोस में खेले गए टी20 वर्ल्ड कप 2024 के फाइनल में टीम इंडिया ने साउथ अफ्रीका को 7 रन से हराकर खिताब जीत लिया. भारत को पूरे 13 साल बाद कोई वर्ल्ड कप और 11 साल बाद आईसीसी ट्रॉफी नसीब हुई और ये दिलाई रोहित शर्मा ने, जो फाइनल से पहले वाली रात सो नहीं सके थे.

ब्रिजटाउन के केंसिंग्टन ओवल मैदान में टीम इंडिया ने 17 साल के लंबे इंतजार के बाद दूसरा टी20 वर्ल्ड कप जीता. 2007 में पहला टी20 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम इंडिया का हिस्सा रहे रोहित शर्मा ने संभवतया अपने आखिरी टी20 वर्ल्ड कप में कप्तान बनकर ये कमाल किया. जैसे ही टीम इंडिया जीती, रोहित शर्मा मैदान पर गिर गए और भावुक होकर वहीं लेटे रहे. उनकी आंखों से आंसू टपक रहे थे और वो साथी खिलाड़ियों से गले मिल रहे थे, परिवार पर भी प्यार लुटा रहे थे.

‘पूरी रात सो नहीं पाया था’

फिर जब प्रेजेंटेशन की बारी आई तो रोहित ने अपने जज्बातों को किसी तरह काबू में किया और इंटरव्यू के लिए पहुंचे. रोहित ने हालांकि माना कि वो अभी भी भावुक हैं और अपने जज्बातों को बयान करने के लिए उनके पास शब्द नहीं हैं. भारतीय कप्तान ने बताया कि वो इस मैच से पहले पूरी रात नहीं सो सके थे क्योंकि वो इस फाइनल के लिए बेसब्र थे और हर हाल में इसे जीतना चाहते थे और इसलिए किसी तरह मैदान पर खुद को नियंत्रण में रख सके.

3-4 साल की मेहनत का नतीजा

इसके बाद रोहित ने टीम की कामयाबी की कहानी बताई, जो सिर्फ एक रात या एक महीने में नहीं लिखी गई, बल्कि लंबे वक्त से चली आ रही थी. रोहित ने कहा कि पिछले 3-4 सालों की मेहनत का ही ये इनाम है, जिसमें मैदान के अंदर ही नहीं, बल्कि मैदान के बाहर भी काफी कुछ चलता रहा और वहां जो तैयारियां की, उसका ही नतीजा ये खिताबी जीत है.

वर्ल्ड कप जीतने वाले सिर्फ तीसरे भारतीय कप्तान बनने वाले रोहित ने कहा कि पिछले कुछ सालों में कई हाई-प्रेशर मैचों में टीम इंडिया के लिए नतीजे अच्छे नहीं रहे थे, ऐसे में खिलाड़ियों को पता था कि दबाव वाली परिस्थिति में क्या करना है और यही टीम ने इस फाइनल में कर दिखाया. रोहित ने टीम मैनेजमेंट की भी तारीफ की, जिन्होंने टीम को खुलकर खेलने की छूट दी और उन पर भरोसा रखा.

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