अगर आप भी केंद्र सरकार के कर्मचारी हैं तो यह खबर आपके लिए हो सकती है। केंद्र सरकार ने कश्मीर घाटी में कार्यरत कर्मचारियों को दी जाने वाली रियायतें और सुविधाएं अगले तीन वर्षों तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। इस निर्णय के संबंध में कार्मिक मंत्रालय द्वारा आदेश भी जारी कर दिया गया है। यहां यह ध्यान रखना चाहिए कि कश्मीर घाटी में कुल 10 जिले हैं: अनंतनाग, बारामुल्ला, कुपवाड़ा, पुलवामा, श्रीनगर, कुलगाम, शोपियां, गंदेरबल और बांदीपोरा।
क्या है आदेश?
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि कश्मीर घाटी में कार्यरत केंद्रीय कर्मचारियों को दी जाने वाली छूट और सुविधाएं 1 अगस्त 2024 से अगले तीन साल के लिए बढ़ा दी गई हैं। यह पैकेज भारत सरकार के सभी मंत्रालयों, विभागों और सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (पीएसयू) पर लागू होगा। सभी विभागों को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि वे इन रियायतों और सुविधाओं को निर्धारित दरों के अनुसार लागू करें।
भत्ते की यह राशि प्रतिदिन दी जाएगी।
कर्मचारी चाहें तो अपने परिवार को सरकारी खर्च पर देश में अपनी पसंद की किसी भी जगह पर ले जा सकते हैं। सरकार इस स्थानांतरण का खर्च वहन करेगी, जिसमें परिवहन भत्ता (टीए) भी शामिल होगा। इसके अलावा, समग्र स्थानांतरण अनुदान भी दिया जाएगा जो पिछले महीने के मूल वेतन का 80% होगा। इसके अलावा, जो कर्मचारी अपने परिवार को स्थानांतरित नहीं करना चाहते हैं, उन्हें प्रतिदिन 141 रुपये का भत्ता दिया जाएगा। यह भत्ता उनके कार्यालय, आवागमन तथा अन्य खर्चों को पूरा करने के लिए दिया जाता है।
सरकार ने यह भी कहा है कि विभाग कर्मचारियों के आवास, सुरक्षा और कार्यालय तक आने-जाने के परिवहन की सभी व्यवस्था करेगा। कर्मचारियों को केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की तरह राशन भत्ता भी दिया जाएगा। इसकी दर 142.75 रुपये प्रतिदिन तय की गई है।
इसके अलावा, जो पेंशनभोगी सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, वेतन एवं लेखा कार्यालयों या कोषागारों से अपनी पेंशन प्राप्त करने में असमर्थ हैं, उन्हें विशेष छूट दी जाएगी। ऐसे पेंशनभोगियों को कश्मीर घाटी के बाहर, जहां वे बसे हैं, पेंशन प्राप्त करने की अनुमति दी जाएगी।