बांग्लादेश में सत्ता बदलते आपने भी देखा होगा. कैसे कुछ ही दिनों में एक लोकप्रिय सरकार को वहां के लोगों ने ही सत्ता से बेदखल कर दिया. अब चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान ने इसकी वजह बताई है. उन्होंने कहा, आज के समय में युद्ध करने का तरीका बदल रहा है. अब सरकार के फैसले बदलने के लिए युद्ध करने की जरूरत नहीं. सिर्फ वहां की पब्लिक का ओपिनियन बदल दीजिए. ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन (ORF) की ओर से आयोजित रायसीना डायलॉग 2025 में हाइब्रिड वारफेयर पर बात करते हुए चौहान ने कहा- आज के वक्त में युद्ध सिर्फ जल-थल, नभ और साइबर स्पेस में नहीं लड़ा जा रहा है, बल्कि यह भौगोलिक सीमाओं को तोड़कर आगे तक पहुंच गया है.
सीडीएस अनिल चौहान ने कहा, जब युद्ध केवल फिजिकल हुआ करते थे, तब फिजिकल जियोग्राफी महत्वपूर्ण होती थी. जब युद्ध हाइब्रिड हुए तो ह्यमून जियोग्राफी महत्वपूर्ण हो गई. लेकिन मेरा मानना है कि आज समाज का भूगोल ज्यादा इंपॉर्टेंट होता जा रहा है. सिर्फ आपको पता लगाना होगा कि सोसाइटी को इंफॉर्मेशन कहां से मिल रही है, क्या चीजें उसे प्रभावित करती हैं. लोग उस इंफॉर्मेशन का कैसे इस्तेमाल करते हैं. आखिरकार कोई भी सरकार हो, जनता के आगे सबको झुकना पड़ता है. इसलिए अगर आप पब्लिक ओपिनियन ही बदल दें तो गोलियां चलाए बगैर आप गवर्नमेंट डिसीजन को बदल सकते हैं. आज युद्ध कुछ इस तरह किया जा रहा है.
तकनीक ने युद्ध को कैसे बदला
तकनीक ने युद्ध को कैसे बदल दिया है, इस पर बात करते हुए अमेरिकी सेंट्रल कमांडर और सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (CIA) के पूर्व डायरेक्टर, जनरल डेविड पेट्रियस ने कहा, यूक्रेन डिफेंस टेक्नोलॉजी में एक ग्लोबल लीडर बनकर उभरा है. जिस तरह से यूक्रेन ने रूसी आक्रमण के बाद से अत्याधुनिक ड्रोन डेवलप किए हैं, उन्हें जंग के मैदान में उतारा है, वह शानदार है. यूक्रेन आज की टेक्नोलॉजी से डिफेंस इक्वीपमेंट बना रहा है. जब सीजफायर होगा, तो यूक्रेन निश्चित तौर पर यूरोप का लीडर होगा.
यूक्रेन ने क्या किया?
रूस के हमले के बाद यूक्रेन गोला-बारूद के लिए पश्चिमी देशों पर निर्भर था. इसी वक्त उसने ऐसा ड्रोन डेवलप कर लिया, जिसने रूसी सेनाओं को पीछे हटने पर मजबूर कर दिया. जो रूसी एनर्जी और डिफेंस संस्थानों पर अटैक कर रहे थे. अभी इसी हफ्ते यूक्रेन ने कहा कि उसने रूस की रिफाइनरी पर अटैक किया है, जो मास्को को आधे ईंधन की सप्लाई करती है.यूक्रेन ने काला सागर में रूसी नौसेना पर कहर बरपाने के लिए भी ड्रोन का इस्तेमाल किया. यूक्रेन ने 2022 में युद्ध शुरू होने के बाद से रूसी काला सागर बेड़े के एक तिहाई हिस्से को नष्ट कर दिया है, जिसमें युद्धपोत, लैंडिंग जहाज और कम से कम एक पनडुब्बी शामिल हैं. थिंक टैंक न्यू अमेरिका में साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट पावलीना पावलोवा ने कहा, अस्पतालों या बैंकों जैसे संस्थानों पर बाहर से साइबर हमले भी हाइब्रिड युद्ध का हिस्सा हैं क्योंकि ये साइबर अपराधी कुछ देशों के एजेंट होते हैं, जो उनकी विदेश नीति से जुड़े रहते हैं.