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गर्भावस्था एक खूबसूरत लेकिन चुनौतीपूर्ण समय होता है। इस दौरान महिलाएं नन्हे मेहमान के स्वागत की खुशी में हर मुश्किल को सहन करती हैं। हालांकि, हर महिला की प्रेगनेंसी अलग होती है—कुछ को ज्यादा कठिनाइयां नहीं होतीं, तो कुछ को असुविधाएं महसूस होती हैं। ऐसे में योग एक बेहतरीन तरीका हो सकता है, जिससे प्रेगनेंसी के दौरान मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाया जा सकता है। लेकिन सवाल उठता है कि कब और कैसे योग शुरू करें? इस लेख में आपको इसका सही जवाब मिलेगा।

प्रेगनेंसी में कब शुरू करें योग?

आमतौर पर 12वें हफ्ते (दूसरी तिमाही) के बाद योग शुरू करना सुरक्षित माना जाता है। यह समय शरीर की ऊर्जा और आराम के लिए सबसे उपयुक्त होता है। हालांकि, यदि आपने पहले से योग किया है, तो एक्सपर्ट की सलाह लेकर इसे पहले भी जारी रखा जा सकता है।

ध्यान दें:
ऐसे योगासन न करें, जिनमें पेट या पीठ के बल ज्यादा देर तक लेटना पड़े, क्योंकि इससे पेट पर दबाव बढ़ सकता है।
मॉडरेट योग प्रैक्टिस अपनाएं, जिससे शरीर की ताकत, लचीलापन और संतुलन बना रहे।
योग प्रसव के लिए मानसिक और शारीरिक रूप से तैयार होने में मदद करता है।

योग करने से पहले इन बातों का रखें ध्यान

डॉक्टर से सलाह लें: गर्भावस्था में कोई भी नई एक्सरसाइज या योगासन शुरू करने से पहले अपने हेल्थ एक्सपर्ट से परामर्श जरूर करें।

अपने शरीर की सुनें: यदि कोई आसन करते समय असहज महसूस हो, तो उसे तुरंत रोक दें।

हाइड्रेटेड रहें: प्रेगनेंसी में पानी की कमी न हो, इसलिए खूब पानी पिएं और ज्यादा गर्मी से बचें।

पहली तिमाही में सावधानी बरतें: पहले तीन महीनों में खड़े होकर या बैठकर किए जाने वाले आसन करना ज्यादा सुरक्षित होते हैं।

अपनी क्षमता के अनुसार करें योग: शरीर को जरूरत से ज्यादा खिंचाव देने की कोशिश न करें।

प्रेगनेंसी में योग के फायदे

शरीर को मजबूत बनाए: योग से मांसपेशियों की ताकत और लचीलापन बढ़ता है, जिससे डिलीवरी के दौरान मदद मिलती है।

तनाव और चिंता कम करे: योगासन करने से मन शांत रहता है, जिससे गर्भवती महिला का मूड बेहतर बना रहता है।

बच्चे के लिए भी फायदेमंद: योगासन से मां के साथ-साथ बच्चे का विकास भी बेहतर होता है।

बेहतर नींद: योग करने से स्ट्रेस कम होता है और नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है।

डिलीवरी को आसान बनाए: नियमित योग प्रैक्टिस से प्राकृतिक प्रसव (नॉर्मल डिलीवरी) के चांस बढ़ते हैं और डिलीवरी के दौरान दर्द कम हो सकता है।

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