सप्ताहांत की स्थिरता के बाद जैसे ही सोमवार की सुबह बाजार खुला, सोने और चांदी के दामों को लेकर बाजार में हलचल तेज़ हो गई। पाटलिपुत्र सर्राफा संघ की कीमत निर्धारण समिति के संयोजक मोहित गोयल के अनुसार, शनिवार और रविवार को बाजार बंद रहने के बाद सोमवार को आमतौर पर निवेशकों और ग्राहकों की सक्रियता बढ़ जाती है, जिसका सीधा असर सोने और चांदी की कीमतों पर देखने को मिलता है।
बाजार में हलचल की वजह क्या है?
- सोने की वैश्विक कीमतों में तेजी: अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने के दामों में मामूली बढ़ोतरी दर्ज की गई है। इसका असर भारतीय सर्राफा बाजार पर पड़ना तय माना जा रहा है।
- निवेशकों और खरीदारों की बढ़ती मांग: लगातार दो दिनों की शांति के बाद लोग सोमवार को खरीदारी के मूड में आ जाते हैं, जिससे डिमांड में इज़ाफा होता है और कीमतें ऊपर चढ़ती हैं।
- लगन और अक्षय तृतीया की तैयारी: अप्रैल में आने वाले शादी-विवाह और अक्षय तृतीया जैसे मांगलिक अवसरों की वजह से व्यापारी और ग्राहक अभी से तैयारी में लग गए हैं।
आज का सोने का ताज़ा रेट – 24 मार्च 2025
कैरेट | कीमत (₹/10 ग्राम) | जीएसटी सहित अनुमानित मूल्य |
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24 कैरेट | ₹89,800 | ₹92,494 |
22 कैरेट | ₹83,600 | ~₹86,108 |
18 कैरेट | ₹70,500 | ~₹72,615 |
नोट: ऊपर दी गई कीमतें मानक हैं और इनमें थोड़ा बहुत क्षेत्रीय अंतर हो सकता है।
आज का चांदी का रेट – 24 मार्च 2025
- मूल्य: ₹99,000 प्रति किलो
- जीएसटी जोड़ने के बाद: ₹1,01,970 प्रति किलो
सोने की तुलना में चांदी में उतार-चढ़ाव अधिक देखने को मिलता है, खासकर जब वैश्विक बाजारों में व्यापारिक गतिविधियां तेज़ होती हैं।
पुराने आभूषणों का एक्सचेंज रेट क्या है?
धातु | कैरेट/टाइप | एक्सचेंज रेट (₹/10 ग्राम या ग्राम) |
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सोना | 22 कैरेट (पुराने आभूषण) | ₹81,100 प्रति 10 ग्राम |
सोना | 18 कैरेट (पुराने आभूषण) | ₹68,000 प्रति 10 ग्राम |
चांदी | हॉलमार्क आभूषण | ₹97 प्रति ग्राम |
चांदी | बिना हॉलमार्क | ₹92 प्रति ग्राम |
ग्राहकों के लिए सुझाव – सोच-समझकर करें निवेश
मोहित गोयल की मानें तो वर्तमान बाजार में सोना और चांदी निवेश के लिए उपयुक्त विकल्प हैं, लेकिन कीमतों में उतार-चढ़ाव के कारण जल्दबाज़ी से बचना चाहिए। बाजार के रुझान को समझें, समय का आकलन करें और फिर फैसला लें।
क्या अप्रैल में कीमतें स्थिर रहेंगी?
खरीदारों और व्यापारियों को उम्मीद है कि अप्रैल के महीने में कीमतें स्थिर रहेंगी, जिससे अक्षय तृतीया और विवाह सीजन में खरीदारों को राहत मिल सके। अगर वैश्विक बाजार में बहुत बड़ी हलचल नहीं हुई, तो यह संभावना जताई जा रही है कि अप्रैल के पहले सप्ताह तक दाम स्थिर रह सकते हैं।