स्मार्ट बिजली मीटर: राज्य के पहाड़ी इलाकों और ग्रामीण इलाकों में जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं है, वहां स्मार्ट मीटर नहीं लगाए जाएंगे। संसदीय कार्य मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने सदन में स्पष्ट किया कि स्मार्ट मीटर लगाने का काम देशव्यापी योजना के तहत किया जा रहा है। इससे बिजली की खपत का रियल टाइम पता चल जाएगा। जो व्यक्ति बिजली का इस्तेमाल करेगा, उसे सिर्फ उतनी ही राशि का बिल देना होगा। उन्होंने कहा कि ये मीटर प्रीपेड मोड पर नहीं बल्कि पोस्टपेड मोड पर लगाए जा रहे हैं।
सरकार के इस जवाब से नाराज विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर दिया। इससे पहले सुबह सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले कांग्रेस विधायकों ने प्रवेश द्वार के सामने धरना भी दिया। बुधवार को सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस ने नियम 310 के तहत सदन में स्मार्ट मीटर पर चर्चा की मांग की, जिस पर विधानसभा अध्यक्ष ने नियम 58 की स्वीकृति पर इसे सुनने की व्यवस्था की।
इस पर चर्चा करते हुए नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा कि पूरे प्रदेश में आरोप लग रहे हैं कि सरकार आम लोगों पर जबरन ये मीटर थोप रही है। दो साल पहले ही डिजिटल मीटर लगाए गए थे। इनमें काफी भ्रष्टाचार सामने आया। अब फिर से मीटर बदले जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सरकार ने प्रीपेड मीटर लगाने का काम अडानी ग्रुप को सौंप दिया है।
उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में इसके खिलाफ प्रदर्शन और घेराव हो रहे हैं। स्मार्ट मीटर लगाने के बाद कंपनियां जनता पर मनचाहा दबाव बनाएंगी। उन्होंने कहा कि अगर रिचार्ज नहीं होगा तो बिजली अपने आप कट जाएगी। जहां नेटवर्क ही नहीं होगा, वहां लोग इसका इस्तेमाल कैसे करेंगे। जहां पहले स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, उनमें कई खामियां हैं। कांग्रेस इसका पुरजोर विरोध करती है।
विधायक तिलकराज बेहड़ ने कहा कि सरकार ने 2027 करोड़ रुपये की लागत से गढ़वाल और कुमाऊं में अलग-अलग कंपनियों को ये मीटर लगाने का ठेका दिया है। गढ़वाल में ये ठेका जेनेसिस कंपनी को दिया गया है, जिस पर ईडी का छापा पड़ा है और उसके दो अधिकारी जेल में हैं। उपनेता प्रतिपक्ष भुवन कापड़ी ने कहा कि इस मीटर का बिल 28 दिन में आएगा, यानी आम आदमी को 12 महीने की जगह 13 महीने का बिल चुकाना होगा।
कांग्रेस की ओर से ममता राकेश, भुवन चंद कापड़ी, आदेश चौहान, गोपाल सिंह राणा, प्रीतम सिंह, सुमित हृदयेश, विक्रम नेगी, मनोज तिवारी, रवि बहादुर, ममता राकेश और वीरेंद्र जती ने भी अपने विचार रखे। इस पर जवाब देते हुए संसदीय कार्य मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि मीटर लगने से चोरी रुकेगी। इसकी ऑनलाइन रीडिंग से बिलिंग की समस्या खत्म होगी। कंपनी चयन का काम पूरी पारदर्शिता के साथ किया गया है। सरकार इस पर सोच समझकर काम कर रही है।