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Diamond States Summit: मेघालय के सीएम कोनरॉड संगमा ने कहा कि हिंदी समेत कोई भी भाषा सीखने में कोई खराबी नहीं है. भाषा से रोजगार के मौके बढ़ते हैं. वो जापान में मेघालय की 10,000 नर्सों को भेजना चाहते हैं.

मेघालय के सीएम कोनरॉड संगमा ने कहा कि हिंदी सीखने से फायदा होता है. (Image:News18)
नई दिल्ली. मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरॉड संगमा ने रविवार को न्यूज18 इंडिया के खास कार्यक्रम डायमंड स्टेट्स समिट के ग्रैंड फिनाले में कहा कि कोई भी लैंग्वेज सीखने से कोई नुकसान नहीं है बल्कि फायदा ही है. संगमा ने कहा कि हिन्दी लैंग्वेज को सीखने में कोई नुकसान नहीं है. अपने स्टेट की लोकल लैंग्वेज और हिन्दी भी सीखनी चाहिए. मेघालय के सीएम कोनरॉड संगमा 10,000 नर्सों को जापान भेजना चाहते हैं. इसके लिए मेघालय की नर्सों को जापानी भाषा को सिखाने की कोशिश की जा रही है. जबकि देखा जाए तो तमिलनाडु के सीएम स्टालिन का रुख इसके ठीक खिलाफ है.
वो तो राज्य के स्कूलों में हिंदी भाषा को पढ़ाने के खिलाफ हैं. इससे केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का साथ तमिलनाडु की तल्खी भी बढ़ी है. जिससे वाद- विवाद भी हुआ. तमिलनाडु ने तो अपने बजट में रुपये के प्रतीक चिह्न को भी बदलने का काम किया. तमिलनाडु में जिस तरह से हिंदी को केवल उत्तर भारत की भाषा के तौर पर पेश किए जाने का काम किया जा रहा है, उससे कई इलाकों में तनाव पैदा हो सकता है. मगर मेघालय के मुख्यमंत्री कोनरॉड संगमा ने अपने नजरिये से एक नया दृष्टिकोण पेश किया है. जिसमें भाषा को रोजगार से जोड़ने की कोशिश की गई है.
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भाषा सीखने के बड़े लाभ
मुख्यमंत्री संगमा का भाषा सीखने पर जोर केवल जापानी तक सीमित नहीं है. वे हिंदी और स्थानीय बोलियों सहित कई भाषाओं को सीखने की वकालत करते हैं. जिससे भारत में एकता और सांस्कृतिक लेन-देन को बढ़ावा मिल सके. विशेष रूप से हिंदी सीखने से विभिन्न इलाकों में संचार को बढ़ावा मिल सकता है, जिससे राष्ट्रीय एकीकरण को प्रोत्साहन मिलेगा. किसी भी इंसान की कई भाषाओं को सीखने के फायदों को एक्सपर्ट पहले भी बताते रहे हैं. बहुभाषावाद इंसानों के अनुभवों को बढ़ावा देता है. जिससे स्मृति, तर्क और यहां तक कि सौंदर्य प्राथमिकताओं पर असर पड़ता है. इसलिए, कई भाषाओं को अपनाने से दुनिया की अधिक सूक्ष्म समझ विकसित हो सकती है और इंसानों में लचीलापन बढ़ता है.