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एक महिला की जिंदगी में हर पड़ाव पर कई बदलाव होते हैं. जब कोई लड़की प्यूबर्टी यानी की यौवन अवस्था में प्रवेश करती है तब उसके शरीर में कई बदलाव होते है कुछ बदलाव शारीरिक तौर पर और कुछ हार्मोनल बदलाव होते हैं. वहीं शादी, प्रेगनेंसी के बाद और उम्र के हर पड़ाव पर महिला के जीवन और शरीर में कई बदलाव होते हैं. खासकर 30 से 40 की बढ़ती उम्र के बीच हर महिला को हेल्दी और फिट रहने के लिए अपना खास ख्याल रखने की भी जरूरत होती है.
35 की उम्र के बाद महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन आना शुरू हो जाते हैं, जैसे कि प्रजनन क्षमता में कमी और मेनोपॉज के लक्षण दिखने लगते हैं. हड्डियां और जोड़ों से जुड़ी समस्या बढ़ सकती है. इसके अलावा भी सेहत से जुड़े कई तरह के बदलाव देखे जा सकते हैं. इसलिए 35 की उम्र के बाद शरीर में कई शारीरिक और हार्मोनल परिवर्तन होते हैं, जो उनकी सेहत पर असर डाल सकते हैं. इन बदलावों का सामना करने के लिए सही डाइट और लाइफस्टाइल की जरूरत होती है.
महिलाएं घर और ऑफिस से जुड़ी अपनी सारी जिम्मेदारियां निभाती हैं. इस बीच वो अपने ध्यान रखना ही भूल जाती हैं. घर वालों की सभी जरूरतों और पसंद – नापसंद का ध्यान उन्हें रहता है. पति और बच्चों से जुड़ी छोटी-छोटी बात और जरूरत का ध्यान उन्हें रहता है. लेकिन इन सब के बीच अपनी सेहत को नजरअंदाज कर देती हैं. लेकिन 35 की उम्र के बाद हर महिला को फिट और हेल्दी रहने के लिए अपनी सेहत पर ध्यान देना चाहिए. जिसके लिए उन्हें डाइट और लाइफस्टाइल में एक्सपर्ट द्वारा बताए ये बदलाव जरूर करने चाहिए.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट?
कोकून हॉस्पिटल में गायनेकोलॉजी डिपार्टमेंट में डॉक्टर फिओनिका का कहना है कि 35 उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव होते हैं जैसे कि मेनोपॉज की शुरुआत, हार्मोनल असंतुलन. जो उनकी सेहत को प्रभावित कर सकते हैं. इसलिए इस उम्र में फिट रहने के लिए उन्हें कई बातों का ध्यान रखना जरूरी है.
बैलेंस डाइट
सबसे पहले, महिलाओं को अपनी डाइट में ज्यादा प्रोटीन, फाइबर से भरपूर फूड्स शामिल करने चाहिए. फाइबर पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है. इसके अलावा डाइट में फल और सब्जियों को शामिल करना चाहिए. इससे शरीर को जरूरी विटामिन, मिनरल्स, और एंटीऑक्सीडेंट मिलते हैं. मौसमी फल और सब्जियों का डाइट में शामिल किया जा सकता है. लेकिन अगर डायबिटीज, थायराइड, ब्लड प्रेशर या किसी तरह का हार्मोनल असंतुलन है तो कुछ फूड्स को खाने से परहेज करना चाहिए, ऐसे में एक बार एक्सपर्ट से राय जरूर लेना चाहिए.
नियमित व्यायाम
इसके अलावा फिट रहने के लिए नियमित रूप से व्यायाम करना बहुत जरूरी है. इसलिए आप चाहे कितने भी व्यस्त हों, लेकिन आपको दिन में कुछ समय व्यायाम के लिए जरूर निकालना चाहिए. आप एरोबिक, एनारोबिक, स्ट्रेचिंग, योग, पिलेट्स, रनिंग या वॉकिंग में से कुछ भी कर सकती हैं. नियमित व्यायाम को अपने दिनचर्या का हिस्सा बनाना बहुत जरूरी होता है. यह न सिर्फ शरीर को मजबूत और लचीला बनाए रखता है, बल्कि हार्मोन संतुलन में भी फायदेमंद होता है.
स्ट्रेस को मैनेज करें
इसके साथ ही स्ट्रेस को मैनेज करना बहुत ही जरूरी है, क्योंकि यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है. इसके लिए आप स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीक अपना सकते हैं. मेडिटेशन और गहरी सांस लेने की तकनीक तनाव कम करने में मदद कर सकती हैं.
सही नींद
जब हम सोते हैं तब हमारी बॉडी को रिलैक्स मिलता है. इसलिए आपको रोजाना 7 से 8 घंटे की नींद तो जरूर लेनी चाहिए. अच्छी सेहत के लिए भरपूर नींद लेना भी जरूरी है, क्योंकि यह शरीर को एनर्जी देने और ओवर ऑल हेल्थ के लिए जरूर होती है.नींद की क्वालिटी को बढ़ाने के लिए, नींद से पहले इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों से दूरी बनाना, सोने से पहले हल्का भोजन करना और एक नियमित सोने का समय बनाना फायदेमंद हो सकता है.