इतिहास में पहली बार हो रहा ऐसा
एक अधिकारी ने बताया कि IMA लगभग 93 सालों में पहली बार महिला कैडेट्स को शामिल करेगी, जो IMA के इतिहास में एक अहम पल है। अगस्त 2021 में, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को महिलाओं को NDA प्रवेश परीक्षा में बैठने की अनुमति देने का निर्देश दिया था। इसके बाद अगले साल पहला बैच भर्ती किया गया। यह आदेश महिलाओं को शॉर्ट-सर्विस कमीशन (SSC) अधिकारियों के रूप में तीन सेवाओं की कुछ शाखाओं में सेवा करने की अनुमति मिलने के लगभग तीन दशक बाद आया। इसके अलावा, शीर्ष अदालत ने यह भी फैसला सुनाया था कि SSC के माध्यम से भारतीय सेना में शामिल होने वाली महिला अधिकारी स्थायी कमीशन और कमांड भूमिकाओं की हकदार हैं।
अलग-अलग कंपनियों में रखा जाएगा
IMA में महिला अफसर कैडेट्स के लिए अलग आवास की व्यवस्था की गई है। हालांकि, उन्हें ट्रेनिंग के लिए अपने पुरुष साथियों के साथ अलग-अलग कंपनियों में रखा जाएगा। एक अन्य अधिकारी ने बताया कि IMA के अधिकारियों ने महिला ट्रेनिंग और लिंग-विशिष्ट जरूरतों के अलग-अलग पहलुओं की स्टडी करने के लिए ऑफिसर्स ट्रेनिंग एकेडमी (OTA), चेन्नई, एयर फोर्स एकेडमी, डुंडीगल और इंडियन नेवल एकेडमी, एझिमाला सहित कई प्रशिक्षण अकादमियों का दौरा किया है।
जरूरतों का रखा जाएगा ध्यान
21 सालों तक आर्मी ऑर्डनेंस कोर में सेवा करने वाली लेफ्टिनेंट कर्नल अनु सिंह रंधावा (सेवानिवृत्त) ने कहा,’मुझे कोई बाधा नहीं दिखती, क्योंकि सेना OTA में 30 से ज्यादा सोलों से महिलाओं को प्रशिक्षित कर रही है और IMA में भी इसी तरह के प्रशिक्षण मानकों और प्रथाओं को अपनाया जाएगा। लिंग-विशिष्ट आवश्यकताओं को भी संबोधित किया जाएगा। सेना में महिलाओं की पूरी स्वीकृति है। इसका मतलब है कि सेना पहले से ही महिलाओं को ट्रेनिंग देने में अनुभवी है और IMA भी उसी तरीके को अपनाएगा। महिलाओं की जरूरतों का भी ध्यान रखा जाएगा।