समाजवादी पार्टी के पूर्व एमएलसी और यूपी माध्यमिक शिक्षा परिषद के पूर्व निदेशक वासुदेव यादव को आय से अधिक संपत्ति के मामले में जेल भेज दिया गया है. विजिलेंस सेल ने उन्हें प्रयागराज में उनके जॉर्ज टाउन आवास से गिरफ्तार मंगलवार को गिरफ्तार किया था. एडीजीसी (क्रिमिनल) विनय सिंह ने बताया कि विजिलेंस डिपार्टमेंट की प्रयागराज यूनिट के इंस्पेक्टर नन्हे राम सरोज के नेतृत्व में एक टीम ने वाराणसी एमपी/एमएलए कोर्ट द्वारा जारी गैर-जमानती वारंट के अनुपालन में वासुदेव यादव को गिरफ्तार किया.

वासुदेव यादव को प्रयागराज से वाराणसी लाया गया और एमपी/एमएलए कोर्ट में उनकी पेशी हुई. अदालत में पेश किए जाने के बाद, उन्होंने अपनी बीमारियों का हवाला देकर जमानत और अस्पताल में भर्ती होने की गुहार लगाई. हालांकि, अदालत ने उनकी दोनों दलीलों को खारिज कर दिया और उन्हें जेल भेजने और जेल मैनुअल के अनुसार चिकित्सा सहायता प्रदान करने का आदेश दिया. इससे पहले 19 फरवरी को अदालत ने आय से अधिक संपत्ति के मामले में यादव द्वारा दायर अग्रिम जमानत की याचिका खारिज कर दी थी. 

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विजिलेंस डिपार्टमेंट ने उनके खिलाफ अप्रैल 2021 में आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में प्रयागराज में यह मामला दर्ज किया था. जांच के दौरान विजिलेंस को वासुदेव यादव की आय से 109 फीसदी अधिक संपत्ति के दस्तावेज मिले थे. उन्होंने अपने करीबी रिश्तेदारों के नाम पर संपत्तियां खरीदी थीं और कई शिक्षण संस्थान खोले थे. विजिलेंस जांच के बाद उनके खिलाफ इस मामले में चार्जशीट दायर हुई थी. सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव के करीबी सहयोगी वासुदेव यादव 2017 में उत्तर प्रदेश में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने के बाद मुसीबत में पड़ गए, जब उनके खिलाफ भ्रष्टाचार की कई शिकायतें सामने आईं.

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उत्तर प्रदेश सरकार ने 12 सितंबर, 2017 को वासुदेव यादव की संपत्ति की विजिलेंस जांच का आदेश दिया. विजिलेंस ने उनके खिलाफ ओपन इंवेस्टिगेशन की, जिसमें 1 सितंबर 1978 से 31 मार्च 2014 तक उनकी आय, व्यय और अर्जित चल और अचल संपत्तियों की जांच की गई. जांच में पता चला कि उनके पास आय से 109 फीसदी अधिक संपत्ति है. विजिलेंस ने उनके खिलाफ आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में प्रयागराज में मामला दर्ज करने के लिए सरकार से अनुमति मांगी. उत्तर प्रदेश सरकार की अनुमति मिलने के बाद वासुदेव यादव के खिलाफ विजिलेंस डिपोर्टमेंट ने अप्रैल 2021 में प्रयागराज में आय से अधिक संपत्ति का केस दर्ज कराया.

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