महिलाएं सबसे ज्यादा अत्याचार की शिकार
हारुन का कहना है कि यूनुस के शासन में महिलाओं पर सबसे ज्यादा अत्याचार हो रहे हैं। अल्पसंख्यक और धर्मनिरपेक्ष लोग डर में जी रहे हैं। हिजब-उत-तहरीर, इस्लामिक स्टेट और अल कायदा जैसे संगठन खुलेआम इस्लामी शासन की मांग कर रहे हैं। रशीद का दावा है कि जुलाई में हसीना की सरकार गिराने के समय से ही ये लोग देश के तानेबाने को कमजोर कर रहे हैं। अब इनको यूनुस की शह भी मिल रही है।
रशीद का कहना है कि बंगबंधु मुजीबुर्रहमान की जिंदगी शुरुआती वर्षों पर बंगाली उपन्यास लिखने की वजह से यूनुस सरकार उन पर भड़की हुई है। रशीद लिखते हैं कि बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष देश के रूप में बना था लेकिन इस्लामवादी इस पहचान को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश के संस्थापक शेख मुजीबुर्रहमान और उनकी बेटी शेख हसीना दोनों ही चरमपंथियों का शिकार हुए हैं।

हारून ने फेसबुक पर पोस्ट की है।
यूनुस का मुखौटा उतरा
रशीद का कहना है कि सत्ता हथियाने के बाद से यूनुस ने अपना मुखौटा उतार दिया है। अब पूरी तरह से साफ हो गया है कि वह एक सुधारक नहीं बल्कि अत्याचारी शासक है। शेख हसीना ने जिस बांग्लादेश का वर्षों में निर्माण किया, यूनुस ने इसके खिलाफ एक युद्ध छेड़ रखा है। वह सबकुछ खत्म करने में लगे हुए हैं। रसीद का कहना है कि इतिहास यूनुस को याद रखेगा लेकिन नायक के रूप में नही बल्कि एक ऐसे ठग के रूप में जिसने देश-दुनिया को धोखा दिया।
बांग्लादेश सरकार ने अक्टूबर, 2023 में मोहम्मद हारुन अल रशीद को मोरक्को में बांग्लादेश का राजदूत नियुक्त किया था। मोहम्मद हारुन अल रशीद बांग्लादेश सिविल सेवा (विदेश मामले) कैडर के 20वें बैच से आते हैं। उन्होंने 2001 में सेवा में शामिल होने के बाद कनाडा में बांग्लादेश उच्चायोग में मंत्री और उप उच्चायुक्त के रूप में भी काम किया है। वह रोम, काहिरा, मैक्सिको सिटी और मैड्रिड में बांग्लादेश मिशनों में विभिन्न पदों पर रह चुके हैं।