गठबंधन पर बात साफ होनी चाहिए- तारिक अनवर
तारिक अनवर, जो कांग्रेस वर्किंग कमिटी (CWC) के सदस्य भी हैं, ने कहा कि हाल के विधानसभा चुनावों के खराब प्रदर्शन से सबक लेकर कांग्रेस नेतृत्व को बिहार में राजद और अन्य दलों के साथ गठबंधन पर तुरंत स्पष्टता लानी चाहिए। समय रहते समन्वय बैठकें शुरू कर देनी चाहिए। क्योंकि सत्ताधारी भाजपा-जदयू गठबंधन पहले से ही आक्रामक तरीके से चुनाव की तैयारियों में जुटा है। यह बात उन्होंने बुधवार को हमारे सहयोगी अखबार ‘ईटी’ से बातचीत में कही।
बिहार में सहयोगियों को इशारा!
तारिक अनवर ने कहा, ‘हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली चुनावों में कांग्रेस की हार के बाद बिहार का आगामी चुनाव विपक्ष के लिए और भी महत्वपूर्ण हो गया है। यह न केवल राज्य में, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति में भी महत्वपूर्ण है। कांग्रेस और हमारे सहयोगियों के लिए बिहार में भाजपा-जदयू गठबंधन को हराना बेहद जरूरी है। इसलिए, मेरी राय में, हम (कांग्रेस) बिहार चुनाव की तैयारियों के लिए चुनाव की तारीखों से कुछ हफ्ते पहले, आखिरी समय में जल्दबाजी करने का जोखिम नहीं उठा सकते।’
बिहार चुनाव से पहले कांग्रेस ले सबक- तारिक अनवर
छह बार के लोकसभा सांसद ने कहा, ‘कांग्रेस नेतृत्व हरियाणा, महाराष्ट्र और दिल्ली में हमारे खराब नतीजों पर गौर कर सकता है और बिहार चुनाव की तैयारी करते समय उससे सबक ले सकता है। AICC-बिहार PCC समन्वित चुनाव कार्य युद्धस्तर पर होना चाहिए। मुझे लगता है कि हमारे सहयोगियों – राजद, वाम दलों और कुछ अन्य राज्य दलों के साथ गठबंधन पर जल्द स्पष्टता लाना भी महत्वपूर्ण है, बजाय इसके कि गठबंधन के मामलों को अधर में लटका दिया जाए।’
तारिक अनवर ने बिहार में कांग्रेस के लिए किया बड़ा इशारा
यह उचित समय है कि हम गठबंधन की बारीकियों को अंतिम रूप देने के लिए समन्वय समितियों की बैठकें शुरू करें। सिर्फ कांग्रेस ही नहीं, राजद को भी, हमारे गठबंधन के मुख्य दल के रूप में, गठबंधन की शुरुआती चुनावी तैयारी के लिए पहल करनी चाहिए। बल्कि हमें अब तक समन्वय समिति की बैठकें शुरू कर देनी चाहिए थीं। सत्ताधारी भाजपा-जदयू गठबंधन अपनी चुनावी तैयारियों के साथ आक्रामक रूप से काम कर रहा है। प्रधानमंत्री पहले ही बिहार के कुछ दौरे कर चुके हैं।”
खुद में खुश न हों, मौके का फायदा उठाएं- तारिक
अनवर ने आगे कहा, “बिहार में भाजपा-जदयू के लगभग 18 साल के शासन के बाद भी, उपलब्धियों के रूप में दिखाने के लिए कुछ खास विश्वसनीय नहीं है। तथाकथित डबल इंजन वाली सरकार अब बिना किसी प्रभावी इंजन के काम करती हुई प्रतीत हो रही है। नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली भाजपा-जदयू सरकार के खिलाफ स्पष्ट रूप से सत्ता विरोधी लहर और थकान का माहौल है। विपक्ष की जिम्मेदारी है कि वह सत्ताधारी मोर्चे की अलोकप्रियता का फायदा उठाए और हमारे गठबंधन को जमीनी स्तर पर एकजुट, विश्वसनीय और सक्रिय विकल्प के रूप में पेश करे। यह समय मौके का फायदा उठाने का है, आत्मसंतुष्ट होने का नहीं।’