पश्चिम चंपारण: जन सुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बुधवार को दावा किया कि जेडीयू के अध्यक्ष नीतीश कुमार बिहार विधानसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ गठबंधन में लड़ेंगे और बाद में पाला बदल सकते हैं ताकि मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें एक और कार्यकाल मिल सके। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश अब मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं क्योंकि जनता जदयू) को इतनी कम सीटें देगी कि नीतीश के ‘पलटी मारने’ का कोई फायदा नहीं होगा।

प्रशांत किशोर का ऐलान

बिहार में इस साल अक्टूबर-नवंबर में विधानसभा चुनाव संभावित है। चुनावी प्रबंधन की दुनिया से सक्रिय राजनीति में कदम रखने वाले किशोर ने पश्चिम चंपारण जिले में संवाददाताओं से बातचीत में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फिर से पाला बदलने की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि नीतीश जी में इतना दम नहीं है कि अभी पलटी मार लें, वह चुनाव जीतने के बाद पलटी मारते हैं। उन्होंने दावा किया कि नीतीश कुमार ने 2015 के अलावा अपने पूरे जीवन में भाजपा के बगैर चुनाव नहीं लड़ा हैं, वह लड़ते ही हैं भाजपा के ताकत, पैसे, और संगठन के भरोसे हैं। उनके पास इतनी हिम्मत नहीं है कि वह अकेले चुनाव लड़ लें। उनका इतिहास है चुनाव लड़ने के बाद पलटी मारने का।

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जनता का मन

किशोर के अनुसार, इस बार जनता भी मन बनाकर बैठी है कि जेडीयू को इतनी कम सीटें आएंगी कि उनके किसी तरफ पलटने का कोई फायदा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि वह (नीतीश) अब मुख्यमंत्री नहीं बनने वाले हैं। यह पूछे जाने पर कि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की तरफ से मुख्यमंत्री चेहरा कौन हो सकता है, किशोर ने कहा कि मोदी जी बिहार आने पर नीतीश जी को बिहार का लाडला मुख्यमंत्री बता रहें थे। मैं मोदी जी से अपील करता हूं, अगली बार बिहार आएं तो उन्हें यह घोषणा करनी चाहिए कि यही लाडले व्यक्ति अगले 5 वर्ष भी मुख्यमंत्री रहेंगे।

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पीके का बड़ा दावा

किशोर ने दावा किया कि यदि नीतीश कुमार फिर से मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया जाता है तो भाजपा को चम्पारण में एक–एक सीट पर हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि भाजपाई, नीतीश कुमार को खाली मुखौटा बना कर वोट लेना चाहते हैं, चुनाव जीतने के बाद इस बार नीतीश कुमार को हटा कर अपना मुख्यमंत्री बनाएंगे। किशोर ने यह दावा भी किया कि नवंबर में विधानसभा चुनाव खत्म होने के बाद कोई भी मुख्यमंत्री बन सकता है, सिवाय नीतीश कुमार के। आप मुझसे लिखित में ले सकते हैं। अगर मैं गलत साबित हुआ तो मैं अपना अभियान छोड़ दूंगा।

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जेडीयू से जुड़े रहे हैं पीके

जेडीयू राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे 47 वर्षीय किशोर को 2020 में नीतीश के साथ विवाद के बाद पार्टी से निष्कासित कर दिया गया था। किशोर ने 74 वर्षीय नीतीश कुमार “शारीरिक रूप से थके हुए और मानसिक रूप से सेवानिवृत्त” बताते हुए दावा किया कि “मैंने नहीं, बल्कि भाजपा के दिवंगत नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा था कि नीतीश कुमार गंभीर मानसिक बीमारी से पीड़ित हैं। मैं उन्हें लंबे समय से चुनौती दे रहा हूं कि वे अपने मंत्रिमंडल के मंत्रियों के नाम कागज पर देखे बिना बताएं। वे अधिकारियों द्वारा पूछे जाने तक उस जिले का नाम नहीं बता सकते हैं, जिसका वे दौरा कर रहे हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसी मनःस्थिति के साथ वे बिहार पर शासन कर रहे हैं।

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बिहार को बदनाम किया- पीके

उन्होंने यह भी कहा कि कुमार ने पिछले साल नई केंद्र सरकार के शपथ ग्रहण के समय कई अन्य मुख्यमंत्रियों की मौजूदगी में मोदी के पैर छूकर बिहार को बदनाम किया था। किशोर ने कहा कि अगर उनमें प्रधानमंत्री के प्रति इतनी श्रद्धा है, तो वे निजी तौर पर उनके पैर छू सकते थे। लेकिन वे खुद को कुर्सी पर बनाए रखने के लिए चाटुकारिता का सहारा ले रहे हैं। किशोर ने यह भी कहा कि जन सुराज पार्टी बिहार को उस राजनीतिक दलदल से बाहर निकालने के लिए मैदान में उतरेगी, जिसे कुमार और उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद, राजद अध्यक्ष ने दशकों तक बंधक बना रखा है।

शराबबंदी पर बोले पीके

राज्य की बहुचर्चित शराबबंदी नीति की आलोचना करते हुए किशोर ने कहा कि बिहार में शराब पर प्रतिबंध भाजपा के दोहरे चरित्र का एक और उदाहरण है। वह पड़ोसी उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ और उसके द्वारा शासित अन्य राज्यों के मुख्यमंत्रियों से ऐसा ही घोषित करने के लिए क्यों नहीं कहती? अन्य राज्यों में वे विकास और निवेश की बात कर रहे हैं, और बिहार में उन्हें लगता है कि पांच किलो मुफ्त राशन और शराबबंदी से ज्यादा कुछ नहीं चाहिए। उन्होंने बिहार सरकार द्वारा सोमवार को पेश किए गए बजट को निराशाजनक और छलावा करार दिया।

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