पटना: बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले सियासी पारा चढ़ा हुआ है। सत्ताधारी NDA और विपक्ष के बीच धार्मिक मुद्दों को लेकर तनातनी बढ़ती जा रही है। पिछले हफ्ते, बिहार में दो बड़े धार्मिक आयोजन हुए। गोपालगंज में बागेश्वर धाम के आचार्य धीरेंद्र शास्त्री ने अपनी ‘कथा’ के दौरान लोगों से भारत को हिंदू राष्ट्र बनाने के लिए एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है, तो बिहार पहला हिंदू राज्य होगा। शास्त्री ने यह भी दावा किया कि वह किसी राजनीतिक दल के लिए प्रचार नहीं कर रहे हैं, बल्कि हिंदुत्व को बढ़ावा देने के लिए वहां मौजूद हैं।

बिहार में रमजान, होली और प्रवचन

दूसरी ओर, आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक श्री श्री रविशंकर ने अपनी 5 दिन की यात्रा के दौरान पटना और अन्य जगहों पर ‘महासत्संग’ का आयोजन किया। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने उनके साथ मुलाकात की। इस दौरान श्री श्री रविशंकर ने पिछले कुछ वर्षों में राज्य सरकार द्वारा किए गए विकास कार्यों की प्रशंसा की। RJD ने दावा किया कि BJP इन संतों का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए कर रही है।

RJD ने किया तीखा हमला

RJD के वरिष्ठ नेता मनोज झा ने ET को बताया, ‘यह साबित करता है कि उनके (BJP) पास RJD और हमारे नेता तेजस्वी यादव की बराबरी करने के लिए ज्यादा राजनीतिक पूंजी नहीं है। वे अपने प्रचार के लिए इन संतों पर निर्भर हैं। मुझे धार्मिक गुरुओं से कोई समस्या नहीं है। समस्या यह है कि उनकी बातें आध्यात्मिक होने के बजाय राजनीतिक रंग से रंगी हुई हैं। वे केवल राजनीति की बातें कर रहे हैं। यह कोई नई बात नहीं है। बिहार ने पहले भी कई बाबा देखे हैं और जब मतदान की बात आती है, तो यह हमेशा सांप्रदायिक रंग को नकार देता है।’

यह साबित करता है कि उनके (BJP) पास RJD और हमारे नेता तेजस्वी यादव की बराबरी करने के लिए ज्यादा राजनीतिक पूंजी नहीं है। वे अपने प्रचार के लिए इन संतों पर निर्भर हैं।

मनोज झा, RJD

JDU ने अपनाया बीच का रास्ता

इस हफ्ते की शुरुआत में, BJP विधायक हरिभूषण ठाकुर ने मुसलमानों से कहा कि वे होली के दिन, जो रमजान के दौरान जुमे की नमाज के दिन के साथ पड़ रहा है, घर से बाहर न निकलें। तेजस्वी यादव ने ठाकुर पर सांप्रदायिक तनाव फैलाने की कोशिश करने का आरोप लगाया और मांग की कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को BJP नेता के खिलाफ FIR दर्ज करनी चाहिए। JDU, शास्त्री और ठाकुर के ऐसे बयानों की सीधे तौर पर निंदा नहीं कर रही है। वे यह स्पष्ट कर रहे हैं कि इस तरह की टिप्पणियों से उन्हें कोई समस्या नहीं है।

यह बिहार है जहां लगभग 20 वर्षों से कोई सांप्रदायिक दंगा नहीं हुआ है। हर समुदाय को अपने धार्मिक अनुष्ठान करने का अधिकार है और बिहार देश में सामाजिक सद्भाव का केंद्र है।

राजीव रंजन, JDU

क्या कहती है बीजेपी?

BJP ने कहा है कि कानून व्यवस्था और शांतिपूर्ण वातावरण सरकार की प्राथमिकता है। सम्राट चौधरी ने हमारे सहयोगी अखबार ET को बताया, ‘हर धार्मिक गुरु बिहार आने के लिए स्वतंत्र है, चाहे वह हिंदू हो, मुस्लिम हो या किसी अन्य समुदाय का हो। हम सर्व धर्म समभाव बनाए रखते हैं। अगर 66 करोड़ लोग महाकुंभ में पवित्र स्नान के लिए जा रहे हैं, तो निश्चित रूप से सनातन धर्म की व्यापक उपस्थिति और स्वीकृति है, और बिहार इससे अलग नहीं है।’

धार्मिक गुरुओं के अपने विचार हो सकते हैं, लेकिन सरकार न्याय के साथ विकास के लिए प्रतिबद्ध है।

सम्राट चौधरी, BJP

चुनाव आते ही बिहार का माहौल गरम

चुनाव नजदीक आते ही बिहार का राजनीतिक माहौल गरमा गया है। NDA और विपक्ष एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इसका केंद्र धार्मिक मुद्दे हैं। धीरेंद्र शास्त्री और श्री श्री रविशंकर जैसे धार्मिक गुरुओं के बिहार दौरे ने इस बहस को और हवा दी है। एक तरफ, शास्त्री ने खुलेआम हिंदू राष्ट्र की बात की, तो दूसरी तरफ RJD ने BJP पर इन धार्मिक हस्तियों का राजनीतिक इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। दरभंगा की मेयर और जदयू नेता अंजुम आरा ने भी विवाद को एक कदम और आगे बढ़ा दिया। हालांकि पार्टी के दबाव में अंजुम आरा को माफी भी मांगनी पड़ गई।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *