UP News: बसपा सुप्रीमो मायावती इन दिनों सियासी चर्चा का केंद्र बनी हुई हैं. खास तौर पर उनके फैसलों की खुब चर्चा हो रही है. इन चर्चाओं के बीच मायावती ने सोमवार को लखनऊ में प्रेस कांफ्रेंस कर कहा है कि रिश्तों में कभी कमजोर नहीं पड़ूंगी. बीएसपी में जो काम करेगा उसको हमेशा आगे बढ़ाने का काम किया है. रिश्ते नाते मेरे बीच नहीं आते. जातिवादी पार्टी बीएसपी के खिलाफ है.

मायावती ने कहा, ‘इस बार कांशीराम की जयंती पर होली के कुछ ही घंटे बाद पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मिलकर देशभर में मनाया है. इसके लिए पार्टी उनकी अति आभारी है. साथ ही होली सहित विभिन्न त्योहारों के बीच जिस जोश के साथ मनाकर उनके अनुयायियों ने अपनी पार्टी को हर स्तर पर मजबूत बनाने का तथा पार्टी का साथ देने का जो संकल्प लिया है उसने मेरे हिम्मत और हौसला कई गुना बढ़ा है.’

रिश्तों पर खुलकर की बात
बीएसपी चीफ ने कहा, ‘जिसे मैं अभी तक की तरह आगे भी अपने व्यक्तिगत, भाई-बहन या रिश्ते नाते के स्वार्थ में कभी भी कमजोर नहीं पड़ने दूंगी. वैसे भी मेरे भाई-बहन और रिश्ते-नाते मेरे लिए केवल बहुजन समाज का ही एक अंग है. उसके अलावा कुछ भी नहीं है. इसके अलावा पार्टी और मोमेंट के हित में बहुजन के जो भी लोग अपनी निष्ठा के साथ कार्य करते हैं तो उन्हें पार्टी में जरूर आगे बढ़ने का मौका दिया जाएगा.’

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उन्होंने कहा कि इस मामले में मेरे रिश्ते-नाते आदि भी आड़े नहीं आएंगे. यहां मैं सावधानी के तौर पर ये भी बताना चाहूंगी कि पिछले कुछ सालों से सत्ता और विपक्ष में बैठी पार्टियां बीएसपी के विरुद्ध अंदर-अंदर आपस में मिलकर बहुजन समाज की एक मात्र हितैसी बीएसपी को तरह-तरह से कमजोर करने में लगी हैं क्योंकि यहां जातिवादी पार्टियों को 2007 में बीएसपी का सत्ता में आना गले के नीचे से कतई नहीं उतर पा रहा है.

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