Dev Deepawali 2023 Live: अयोध्या के बाद अब वाराणसी में दीप जले तो काशी भी जगह हो उठी। मौका था देव देव दीपावली का। देव दीपावली के मौके पर पूरी काशी को रंग-बिरंगी लाइटों से सजाया गया था। काशी के घाट की चकाचौंध हर किसी को अपनी ओर आकर्षिक कर रही थी। शाम होते ही काशी के 85 घांटों पर जब 12 लाख दीपक जले तो माना ऐसा लगा कि स्वर्ग से देवता बनारस की धरती पर उतर आए हों। इस पल के गवाह सैकड़ों के साथ सीएम योगी भी बने। सीएम योगी भी शिव की भक्ति में पूरी तरह से रमे दिखे। इस दौरान शिवनगरी में जयश्रीराम के नारे भी लगे। वाराणसी में देव दीपावली पर पहली बार 70 देशों के राजदूत-प्रतिनिधियों की भी मौजूदगी रही। 85 घाटों में जलाए गए दीपक में से एक लाख दीये गाय के गोबर के भी जलाए गए। इस दौरान 60 घाटों पर गंगा की विशेष आरती भी आयोजित की गई। मान्यता है कि देवों की यह दीपावली सृष्टि में आतंक मचाने वाले त्रिपुरासुर के अंत की खुशी में मनाई जाती है। साथ ही, त्रिपुरासुर का वध करने वाले देवाधिदेव महादेव के प्रति कृतज्ञता भी प्रकट की गई। पुराणकाल से चली आ रही यह परंपरा सोमवार को गंगा के विशाल तट पर एक बार फिर जीवंत की गई।

गंगा के समानांतर बही ज्योति गंगा

कार्तिक पूर्णिमा, सोमवार। श्रीहरि से जुड़ा एक दिव्य मास विदा हुआ तो पुराधीश्वर श्रीविश्वनाथ स्वरूप त्रिपुरारि (हर) के वंदन-अभिनंदन में काशी में गंगातट पर लाखों दीप प्रज्ज्वलित हुए। उनकी लौ की आकाशगंगा तक जा फैली प्रभा सिर्फ अशरीरी देवगणों की प्रसन्नता की अभिव्यक्ति नहीं थी, वह उद्घोषणा भी थी कि काशी का प्रकाश पूरी दुनिया में उम्मीदों का उजास कर सकता है। इसके साक्षी बने दुनिया के 70 देशों के राजदूत व राजनयिक समेत 150 प्रतिनिधि। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी और प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह ने विदेशी मेहमानों का स्वागत किया। उन्हें क्रूज से गंगा विहारकराया। इस दौरान 85 घाटों पर गंगा के समानांतर प्रवाहित ज्योति-गंगा मेहमानों को विस्मित, अचंभित कर रही थी। कई क्षण आए जब वे मंत्रमुग्ध और आंखें अपलक हो गईं। बाल-युवा, बुजुर्ग महिला-पुरुषों का तन्मयता से एक-एक दीप सजाना और जलाना, इठलाते पवन के झोंके से लौ को बचाए रखना-सब कुछ आह्लादित करने वाला था।

चेतसिंह घाट और काशी विश्वनाथ धाम के गंगाद्वार पर लेजर शो, गंगापार रेती पर ग्रीन क्रैकर्स शो ने उत्सव को न सिर्फ भव्यता प्रदान की बल्कि काशी की पौराणिक, ऐतिहासिक और आधुनिक जीवन यात्रा का दिग्दर्शन भी कराया। काशी विश्वनाथ धाम समेत जिले के सभी छोटे-बड़े शिवालय, देवालय और इमारतों की मनोहारी सजावट पहली बार आए पर्यटकों के लिए अनोखा अनुभव था। यह अलौकिक नजारा देखने घाटों पर उमड़ा जनसैलाब महोत्सव की लोकप्रियता के गीत गुनगुना रहा था। देवों की इस दीपावली का विराट स्वरूप घाटों से आगे शहर के कुंड-तालाबों, सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों के सरोवरों तक दिखाई दिया। हर जगह आस्था के रथ पर सवार दिखे उत्साही उत्सवप्रेमी। 

रोशनी का संसार देख विदेशी मेहमान मंत्रमुग्ध

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और केन्द्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार शाम 5.30 बजे नमो घाट पर दीप प्रज्ज्वलित कर देवदीपावली महोत्सव का शुभारंभ किया। उनके साथ दुनिया के 70 देशों के राजदूत समेत 150 प्रतिनिधि भी थे। पहली बार आए विदेशी मेहमान प्रकाश का यह दिव्य उत्सव देख विस्मय, अचंभा के मनोभावों से गुजरते हुए मंत्रमुग्ध हो गए। वे असंख्य दीपों की लौ को वे अपलक निहार रहे थे। कुछ क्षणों के बाद संयत हुए तो भव्य दृश्यावली को अपने कैमरों में कैद करना शुरू कर दिया। सेल्फी लेकर उत्सव से खुद को जोड़ा। उन्होंने सीएम व केंद्रीय मंत्री की अगुवाई में क्रूज पर बैठकर गंगा घाटों का नजारा लिया। विदेशी मेहमानों में चीन, इटली, रूस, पोलैंड, इंडोनेशिया, भूटान, नेपाल व ग्रीस आदि देशों के प्रतिनिधि शामिल थे। उन्हें विवेकानंद क्रूज से देव दीपावली और गंगापार ग्रीन आतिशबाजी का नजारा दिखाया गया।

मेहमानों ने लेजर शो का भी लुफ्त उठाया। मेहमान दोपहर बाद एयरपोर्ट पहुंचे। सड़क मार्ग से नमो घाट आए। यहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वागत किया। इस दौरान पर्यटन, संस्कृति व प्रभारी मंत्री जयवीर सिंह, राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रवींद्र जायसवाल, महापौर अशोक तिवारी, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या, विधायक डॉ. नीलकंठ तिवारी, विधायक सौरभ श्रीवास्तव और सुशील सिंह, मुख्य सचिव डॉ. दुर्गा शंकर मिश्र, मंडलायुक्त कौशलराज शर्मा, डीएम एस राजलिंगम आदि मौजूद रहे। 

एयरपोर्ट पर मेहमानों का भव्य स्वागत 

बाबतपुर एयरपोर्ट पर मेहमानों का भारतीय परंपरानुसार टीका लगाकर व अंगवस्त्र भेंटकर स्वागत किया गया।  एयरपोर्ट समेत विभिन्न स्थानों पर लोक कलाकारों ने उनके स्वागत में सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। रास्तों और चौराहों को सजाया गया था। नमो घाट पर भी सांस्कृतिक कार्यक्रमों के जरिए अभिवादन किया गया। उस दौरान विदेशी मेहमान भी झूमे।

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