Poland Nuclear Bomb: संयुक्त राज्य अमेरिका की छाया में रहने वाले यूरोपीय देश इस वक्त अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार हाथ-पैर मार रहे हैं. यूरोपीय देश कई सालों से दुनिया के बाकी देशों के परमाणु हथियारों से होने वाले खतरों के बारे में बताते थे, लेकिन अब दुनिया का शांति का संदेश देने वाला यूरोपीय देश पोलैंड खुद परमाणु बम बनाने की कोशिश में जुटा हुआ है.
दरअसल, पोलैंड ने यह कदम अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से यूरोपीय देशों को अपनी सुरक्षा खुद करने को लेकर दिए बयान के बाद उठाया है. ट्रंप के इस बयान के बाद यूरोपीय देशों को रूस से अपनी सुरक्षा के खतरा महसूस होने लगा. इस बीच फ्रांस ने पहले ही यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए अपने परमाणु बमों की तैनाती का आह्वान कर चुका है और जर्मनी के चांसलर फ्रेडरिक मर्ज फ्रांस के इस प्रस्ताव का समर्थन कर चुके हैं.
आसान नहीं है परमाणु बम का निर्माण
पोलैंड के प्रधानमंत्री डोनाल्ड टस्क ने देश की संसद में अपना संबोधन देते हुए कहा है, “पोलैंड को परमाणु और आधुनिक अपरंपरागत हथियारों के साथ-साथ सबसे एंडवास क्षमताओं को प्राप्त करने के लिए कोशिश करनी चाहिए.” पोलिश पीएम ने इस कदम को गंभीर बताते हुए कहा, “हम परमाणु बम का निर्माण युद्ध के लिए नहीं, बल्कि अपनी सुरक्षा के लिए कर रहे हैं.” पोलैंड का यह कदम बताता है कि एशियाई देशों को ज्ञान देने वाले यूरोपीय देशों पर जब संकट के बादल छाए, तो कैसे वे अपनी सुरक्षा के लिए परमाणु बम बनाने में जुट गए.
ट्रंप की नीतियों के कारण डोला यूरोप का विश्वास
अमेरिका में दूसरी बार सत्ता संभालने वाला राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की नीतियों को देखकर यूरोपीय देशों का विश्वास संयुक्त राज्य अमेरिका के ऊपर से हिल गया है. वहीं, दूसरी ओर रूस और चीन अपने परमाणु ताकत में लगातार विस्तार कर रहे हैं. दुनिया में रूस के पास सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं, जिनकी संख्या कुल 6,000 है. वहीं, यूरोपीय देशों की सुरक्षा के लिए परमाणु बमों की ताकत दिखाने वाले देश फ्रांस के पास करीब 300 परमाणु बम हैं.
परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू करने के लिए बुनियादी सुविधा नहीं
यूरो न्यूज की एक रिपोर्ट में ओस्लो न्यूक्लियर प्रोजेक्ट के रिसर्च फेलो फेबियन रेने हॉफमैन ने कहा, “यूरोपीय देशों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि वे या तो परमाणु हथियार कार्यक्रम शुरू करने के लिए नागरिक परमाणु बुनियादी ढांचों को तैनात नहीं करते हैं. और अगर करते हैं तो यह बहुत ज्यादा प्रसार प्रतिरोधी है.”
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