वॉशिंगटन: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 6th जेनरेशन लड़ाकू विमान के निर्माण की घोषणा कर दी है। अमेरिका इसे NGAD यानि ‘नेक्स्ट जनरेशन एयर डोमिनेंस’ कार्यक्रम के तहत बनाएगा। इस फाइटर जेट का नाम F-47 होगा। ये नाम इसलिए रखा गया है, क्योंकि डोनाल्ड ट्रंप अमेरिका के 47वें राष्ट्रपति हैं। हालांकि ये फाइटर जेट पूरी तरह से कैसा होगा ये हम फिलहाल ठीक से नहीं जानते हैं, लेकिन ये फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट एफ-35 और एफ-22 के मुकाबले काफी ज्यादा एडवांस होगा। डोनाल्ड ट्रंप ने वाइट हाउस के ओवल ऑफिस में 21 मार्च को घोषणा की है, कि बोइंग को NGAD कॉन्ट्रैक्ट दिया गया है और ये कॉन्ट्रैक्ट 20 अरब डॉलर का है। माना जा रहा है कि ये 6th जेनरेशन लड़ाकू विमान एफ-47 आखिरी विमान होगा, जिसे पायलट उड़ाएंगे। इसके बाद जिन जेट्स का निर्माण होगा, उन्हें उड़ाने की क्षमता इंसानों में नहीं होगी।लिहाजा जानना जरूरी हो जाता है कि 6th जेनरेशन लड़ाकू विमान F-47 कैसा हो सकता है? द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक बोइंग को इंजीनियरिंग और मैन्युफैक्चरिंग डेवलपमेंट (EMD) के लिए प्रारंभिक कॉन्ट्रैक्ट की कीमत लगभग 20 बिलियन डॉलर है। ये सिर्फ शुरुआती लागत हैं। एक बार F-47 का डिजाइन तैयार हो जाएगा और डेवलपमेंट को मंजूरी मिल जाएगी, उसके बाद बोइंग को F-47 के जीवनकाल में सैकड़ों बिलियन डॉलर मिलने की उम्मीद है।

कितनी हो सकती है F-47 लड़ाकू विमानों की कीमत?
F-47 लड़ाकू विमानों के प्रत्येक यूनिट की कीमत सैकड़ों मिलियन डॉलर हो सकती है। शुरूआती अनुमानों के मुताबिक फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट एफ-35 के मुकाबले इसकी कीमत तीन से चार गुना ज्यादा हो सकती है। ये कार्यक्रम कितना महंगा होने वाला है, इसका अंदाजा आप इसी से लगा सकते हैं कि पहले इस प्रोजेक्ट को सिर्फ बजट की वजह से रोक दिया गया था। यानि अमेरिका की भी हिम्मत इस फाइटर जेट को बनाने की नहीं हो रही थी। लिहाजा ये तय है कि ये प्लेटफॉर्म बिल्कुल अलग होने वाला है और इसमें काफी ज्यादा बदलाव होने की संभावना होगी। ऐसी संभावना है कि एफ-47 में एफ-35 और एफ-22 की क्षमताएं शामिल होंगी।

माना जा रहा है कि छठी पीढ़ी के लड़ाकू विमानों में संभवतः एडवांस डिजिटल क्षमताएं शामिल होंगी। इसके अलावा हाई क्वालिटी नेटवर्किंग, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा फ़्यूज़न, वारफील्ड कमांड, कंट्रोल एंड कम्युनिकेशन (C3) क्षमताएं और साइबर युद्ध करने की क्षमता शामिल हो सकती हैं। हालांकि अभी हमें नहीं पता कि इसमें क्या क्षमताएं हो सकती हैं और हम सिर्फ अनुमान लगा पा रहे हैं कि ये कैसा हो सकता है। द नेशनल इंटरेस्ट की रिपोर्ट में कहा गया है कि एफ-47 फाइटर जेट में मानवयुक्त और मानवरहित क्षमताएं हो सकती हैं। इसके अलावा बिना पायलट के भी उसे ग्राउंड स्टेशन से कंट्रोल किया जा सकेगा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से इसे ऑपरेट किया जा सकेगा।

F-47 फाइटर जेट की क्षमताएं क्या हो सकती हैं?
द नेशनल इंटरेस्ट ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि F-47 में अल्ट्रा-लो रडार-क्रॉस-सेक्शन (RCS) भी होगा, जो इसे एक स्टील्थ विमान बनाता है। इसके अलावा विमान में वेरिएबल-साइकिल इंजन होंगे जो ईंधन को किफायती तरीके से सुपरक्रूज कर सकते हैं, जबकि मौजूदा विमानों के वजन से ज्यादा थ्रस्ट कोशिएंट प्रदान करते हैं। F-47 में मानव-प्रणाली एकीकरण पर निर्माण की उम्मीद की जा सकती है जो F-35 कार्यक्रम और हेलमेट माउंटेड डिस्प्ले सिस्टम (HMDS) के साथ उभरा है। इनके अलावा सबसे खास बात यह है कि F-47 समर्पित ड्रोन विंगमैन के साथ मिलकर काम करेगा, जिन्हें “सहयोगी लड़ाकू विमान” (CCA) के रूप में जाना जाता है। कई मामलों में, CCA विंगमैन के साथ लड़ाकू प्लेटफॉर्म का एकीकरण पूरे NGAD कार्यक्रम का सबसे नया पहलू है, क्योंकि इसे पहले औपचारिक रूप से नहीं किया गया है।

एक्सपर्ट्स का मानना है कि F-47 निश्चित तौर पर अमेरिकी एयरफोर्स की जरूरतों को ध्यान में रखकर डिजाइन किया जाएगा और निश्चित तौर पर बिना पायलट के इसे उड़ाया जा सकेगा। कंप्यूटर पायलट के जरिए इसे उड़ाया जा सकेगा। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि “सातवीं पीढ़ी” का लड़ाकू विमान जब भी आएगा, निश्चित तौर पर उसमें शायद कॉकपिट भी नहीं होगा। इसके अलावा F-47 में बिल्कुल नया इंजन होगा, इसके लिए हाइपरसोनिक मिसाइल होंगे, नये हथियार बनाए जाएंगे, इसमें इलेक्ट्रॉनिक युद्ध सूट, सेंसर, नेटवर्किंग इको सिस्टम होंगे। हालांकि अभी ये सिर्फ उम्मीदें हैं और इन क्षमताओं के होने की संभावना फिफ्थ जेनरेशन फाइटर जेट में मौजूद क्षमताओं को देखकर लगाया गया है। हो सकता है कि जब ये विमान बनकर तैयार हो तो इसमें ऐसी क्षमताएं हों, जिसकी उम्मीद हमने नहीं की है।

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