अब 2026 के बाद करेंगे निवेश
बता दें कि गौतम अडानी ने दुनिया के सबसे सस्ते ग्रीन हाइड्रोजन के निर्माण के लिए 50 अरब डॉलर के निवेश का ऐलान किया था। लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को रोके जाने से भारत के आगामी हाइड्रोजन इकोसिस्टम के भविष्य पर प्रश्न चिह्न लग गया है। गौतम अडानी के मुताबिक, अब ग्रीन हाइड्रोजन बिजनेस का विस्तार (Green Hydrogen Business Expansion) 2026 या 2028 के बाद ही हो पाएगा। अडानी ग्रुप की फ्लैगशिप कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज (Adani Enterprises) के चीफ फाइनेंशियल ऑफिसर रॉबी सिंह ने इस बात की पुष्टि की है।
इस वजह से लटका प्रोजेक्ट
दरअसल इस साल जनवरी महीने में अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद से अडानी ग्रुप को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। जिस हिसाब से फंडिंग होनी चाहिए थी, वो नहीं हुई है। प्रोजेक्ट को परवान चढ़ाने के लिए अडाली इंटरप्राइजेज एफपीओ लाया गया था, वो भी धराशाई हो चुका है। इस एफपीओ से होने वाली आमदनी का एक बड़ा हिस्सा ग्रीन हाइड्रोजन सेक्टर में खर्च होने वाला था। इसी वजह से अडानी ग्रुप के प्रोजेक्ट को 3 से 5 साल तक के लिए टाल दिया गया है। इस सेक्टर में अडानी की सीधी टक्कर मुकेश अंबानी से है। रिलायंस इंडस्ट्रीज ने भी इस सेक्टर में मोटा निवेश करने का ऐलान किया हुआ है।
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