Last Updated:

NAVY WARSHIP: INS रणवीर में 30 अफसर और 310 सेलर की तैनाती होती है. यह भारतीय नौसेना में साल 1986 में शामिल किया गया था. इस वॉरशिप से ब्रह्मोस मिसाइल दागी जा सकती है. इस वॉरशिप के कमंडिंग अफ्सर पूर्व नौसेना प्र…और पढ़ें

वॉरशिप की AC में भरी गई थी गलत गैस, हुआ था धमाका, मारे गए थे 3 नौसैनिक

गलत गैस भरी जाने के चलते हुआ था धमाका

हाइलाइट्स

  • INS रणवीर में गलत गैस से धमाका, 3 नौसैनिक मारे गए थे.
  • धमाका AC में गलत गैस भरने से हुआ था.
  • नेवी ने 2 साल बाद केस दर्ज कराया.

NAVY WARSHIP: जनवरी 2022 को मुंबई नेवल डॉकयार्ड में नौसेना के जंगी जहाज INS रणवीर में एक धमाका होता है. धमाका इतना जबरदस्त था कि इसमें 3 नौसेनिकों का जान चला गई 11 घायल हो गए. मारे गए तीन नौसैनिकों में मास्टर चीफ पेटी ऑफिसर (MCPO I) कृष्ण कुमार, MCPO II सुरिंदर कुमार और MCPO II ए.के. सिंह वॉरशिप की मेस के पास जली हालत में पाए गए थे. नौसेना ने तुरंत इस हादसे की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों का एक बोर्ड का गठन किया. सौसेना के सूत्रों के मुताबिक लंबी जांच प्रक्रिया के बाद पिछले साल बोर्ड ऑफ इंक्वेरी पूरी हुई. पुलिस केस कराने के लिए कुछ अन्य कार्रवाई पूरी करने के चलते केस दर्ज कराने में थोड़ा समय लग गया. आखिरकार 2 मार्च को नौसेना ने कोलाबा में केस रजिस्टर कराया गया. जांच रिपोर्ट में जो वजह निकलकर आई वह वाकय चौकाने वाली है. INS रणवीर में धमाका AC में गलत गैस भरने की वजह से हुई. नौसेना ने इस जांच रिपोर्ट के आधार पर उस गैस सप्लाई करने वाली कंपनी के अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराया है.

गलत गैस के चलते धमाका
नौसेना की बोर्ड ऑफ इन्क्वैरी में यह सामने आया कि जिस कंपनी को AC के गैस भरने का कॉंट्रैक्ट दिया गया था, उसने गलत ज्वलनशील गैस भरी थी. दरअसल गैस तो R22 यानी कि हाइड्रोक्लरोफ्लोरोकार्बन भरी जानी थी. गैस आपूर्ती करने वाली कंपनी ने उसकी जगह हाइड्रफ्लोरोन कार्बन यानी R152 गैस भर दी. यह एक ज्वलनशील गैस है. इसके जलने से जहरीली गैस निकलती है. जो कि जांच के दौरान वॉरशिप में मिली थी. धमाका जूनियर सेलर के डाइनिंग रूम में हुआ था. उस वक्त उस जगह पर मौजूद नौसैनिक उसकी चपेट में आ गए. नेवी की जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि धमाका एयर कंडिशन कंपार्टमेंट और प्लांट में हुआ था. जब शिप में ब्लास्ट हुआ था उस वक्त वॉरशिप मेंटिनेन्स में था.

जांच के लिए सैंपल भेजी गई थी दिल्ली
बोर्ड ऑफ इन्क्वैरी के दौरान जो भी सैंपल घटना स्थाल से इक्ट्ठा किए गए ते उनकी जांच के लिए उन्हें दिल्ला की सेंटर फॉर फायर, एक्सप्लोसिव एंड इनवायरोमेंट सेंटर (CFEES) और IIT पवई भेजी गई थी. दोनो जगह से ही R152 गैस की पुष्टी हुई थी.नौसेना के सूत्रों के मुताबिक इस रिपोर्ट के बाद से ही भारतीय नौसेना के जितने भी वॉरशिप है उनमें AC में डाले जानी वाली गैस की सघन जांच की जा रही है. ताकि गलती से भी इस तरह की कोई घटना फिर से ना हो सके.INS रणवीर एक डिस्ट्रायर वॉरशिप है. इसका वजन 4000 टन है. इस वॉरशिप में 30 अफ्सर और

homenation

वॉरशिप की AC में भरी गई थी गलत गैस, हुआ था धमाका, मारे गए थे 3 नौसैनिक

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *