जम्मू: जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के हीरानगर सेक्टर में रविवार को सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस दौरान एक महिला की बहादुरी और सूझबूझ के कारण एक बड़ा हमला टल गया और सुरक्षाबल आतंकवादियों के करीब पहुंचने में सफल रहे। घटना की प्रत्यक्षदर्शी महिला ने मीडिया को बताया कि वह और उनके पति जंगल में लकड़ियां लेने के लिए गए थे। जब वह घने जंगल में कुछ ही दूर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि वहां 5-6 आतंकवादी घात लगाए बैठे थे। आतंकवादियों ने महिला के पति को पकड़ लिया और फिर महिला को भी अपने पास बुलाया। इसके बाद महिला ने आतंकवादियों से यह कहकर अपनी जान बचाई कि वह उनके बारे में किसी को कुछ नहीं बताएगी। इसके बाद आतंकियों ने महिला और उसके पति को छोड़ दिया।सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच मुठभेड़ जारी
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों और आतंकवादियों के बीच उस दौरान मुठभेड़ शुरू हो गई जब जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह ने इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना मिलने के बाद सान्याल गांव के पौधशाला में शाम को तलाशी अभियान शुरू किया था। यह गांव हीरानगर सेक्टर में सीमा से डेढ़ किलोमीटर दूर है। उन्होंने बताया कि छिपे हुए आतंकवादियों ने पुलिस दल पर भारी गोलीबारी की, जिसके बाद पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।

काले कपड़े पहने बैग लिए हैं 5-6 आतंकी
महिला ने कहा कि इसके बाद मैं अपने पति के साथ वहां से भाग निकली। इस दौरान मैंने सोचा कि भागती रहूंगी और इस दौरान अगर गोली भी लग जाए तो भी नहीं रुकूंगी। महिला ने आगे कहा कि गांव पहुंचते ही मैंने अपने जीजा को इसके बारे में बताया और फिर मेरे जीजा ने तुरंत पुलिस और आर्मी को सूचित किया। इसके चंद घंटे ही पुलिस और सुरक्षा बल वहां पहुंच गए। महिला ने दावा किया कि आतंकी 5 से 6 की संख्या में हैं और वह काले कपड़े पहने हुए हैं और उनके पीठ पर बैग है।

8 मार्च को मिले थे 3 लोगों के शव
दरअसल भारत और पाकिस्तान के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा पर स्थित इस ज‍िले में पहले भी आतंकवादी सीमा पार करके भारतीय क्षेत्र में घुसने का प्रयास कर चुके हैं। पांच मार्च को कठुआ में तीन नागरिक दर्शन सिंह (40), योगेश सिंह (32) और वरुण सिंह (14) मरहून गांव में एक शादी समारोह से लौटते समय लापता हो गए थे। सेना, पुलिस, ड्रोन और खोजी कुत्तों की मदद से व्यापक खोज के बाद 8 मार्च को एक जंगली इलाके में एक झरने के पास उनके शव बरामद किए गए। केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “कठुआ के बानी इलाके में आतंकवादियों द्वारा तीन रिश्तेदारों की नृशंस हत्या अत्यंत दुखद और चिंता का विषय है।

जम्मू रीजन में सुरक्षा पर जोर
इस घटना के मद्देनजर, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन 9 मार्च को जम्मू आए और 3 जुलाई से शुरू होने वाली सुरक्षित और शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा और जल्द ही उद्घाटन किए जाने वाले उधमपुर-श्रीनगर-बारामूला रेल लिंक (यूएसबीआरएल) के संबंध में एक उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक की अध्यक्षता की। गृह सचिव ने जम्मू संभाग में सुरक्षा स्थिति पर जोर दिया, जबकि जम्मू-कश्मीर में समग्र सुरक्षा स्थिति पर विस्तृत दिशा-निर्देश दिए।

उधमपुर-कठुआ में आतंकी घटनाएं शुरू में पुंछ और राजौरी जिलों तक सीमित आतंकवादी गतिविधियां अब जम्मू के अन्य क्षेत्रों में भी फैल गई हैं, जिनमें कुछ साल पहले तक अपेक्षाकृत ऐसी घटनाओं से मुक्त रहे चिनाब घाटी, जिसे आतंकवाद मुक्त घोषित किया गया है और उधमपुर तथा कठुआ जैसे क्षेत्र भी शामिल हैं। पूर्व में आतंकवादी वाहनों पर घात लगाकर हमला करते रहे हैं और ग्रेनेड और कवच-भेदी गोलियों के साथ-साथ एम4 असॉल्ट राइफलों का इस्तेमाल करते रहे हैं।

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *