इजरायल ने लेबनान में जबरदस्त पलटवार किया है. शनिवार तड़के किए गए हवाई हमलों के जवाब में इजरायली सेना ने दक्षिण लेबनान में कई जगहों पर भीषण हमला किया है. इसमें कई लोगों के मारे जाने की सूचना है. इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने सीमा पार से रॉकेट दागे जाने के जवाब में दर्जनों आतंकी ठिकानों पर हमले का आदेश दिया था.
इजरायली सेना ने एक बयान में कहा है, “शनिवार सुबह इजराइल पर रॉकेट दागे जाने के जवाब में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इजराइल कैट्ज ने लेबनान में दर्जनों आतंकी ठिकानों पर सख्ती से कार्रवाई करने का निर्देश दिया है. इजराइल अपने नागरिकों और अपनी संप्रभुता को कोई नुकसान नहीं होने देगा. हमें अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करना आता है.”
इससे पहले यमन की ओर से भी इजरायल के शहर यरुशमल पर मिसाइले दागी गई थी. इसे इजरायल ने अपने क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही रोक देने का दावा किया. इन हमलों की जिम्मेदारी यमन के हूती विद्रोहियों ने ली है. इजरायल की राजधानी यरुशलम सायरन की तेज आवाज से गूंज उठा. सायरन के बजते ही सड़कों, दुकानों से लोग सुरक्षित जगह की खोज में भागने लगे.
इजरायली सेना ने मिसाइली हमलों को अपने क्षेत्र में पहुंचने से पहले ही रोक देने का दावा किया. इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिका द्वारा ह्यूतियों के खिलाफ हवाई हमलों का नया अभियान शुरू करने और साथ ही गाजा में इजरायली सेना की ओर से तेज हुए हमलों में मारे गए करीब 500 फिलिस्तीनियों के बाद से यमन ने इजरायल पर हमले शुरु कर दिए है.
उधर, गाजा में युद्ध का विरोध कर हजारों प्रदर्शनकारियों ने इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के दफ्तर का घेराव किया था. बारिश के बीच यरुशलम में पीएम ऑफिस के बाहर जुटे लोगों ने पीएम नेतन्याहू के बंधक संकट से निपटने के उनके तरीके और देश के आंतरिक सुरक्षा प्रमुख को बर्खास्त करने की उनकी योजना का विरोध किया.
इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों ने गाजा में बमबारी तुरंत रोकने और इजरायल की सरकार से युद्धविराम का पालन करने की अपील की थी. वो चाहते हैं कि हमास की कैद से बाकी बंधकों की सुरक्षित रिहाई हो सके. सड़कों पर उतरे लोगों को डर हैं कि इजरायली बमबारी का बदला लेने के लिए हमास बंधकों को मार सकता है. अभी तीन दर्जन लोग कैद में हैं.
बताते चलें कि कुछ दिन की शांति के बाद इजरायल ने फिर से गाजा पर बमबारी शुरू कर दी है. इस हफ्ते की शुरूआत से हो रही ताजा बमबारी में अबतक सैकड़ों फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं, जबकि बड़ी तादाद में लोग घायल हुए हैं. इजरायल का दावा है कि हमास युद्धविराम समझौते का पालन नहीं कर रहा. इसकी वजह से वो गाजा में सैन्य कार्रवाई कर रहा है.
वहीं, हमास ने इससे इनकार किया है. दरअसल इजरायल चाहता है कि हमास अपने युद्ध विराम के पहले चरण के विस्तार को स्वीकार कर ले, ताकि ज्यादा से ज्यादा बंधकों की रिहाई हो सके, लेकिन हमास चाहता है कि युद्धविराम को लेकर दूसरे चरण की बातचीत शुरू हो. ताकि इजरायली सेना उसके इलाके से पूरी तरह से हट सके. फिलिस्तीनी कैदियों की रिहाई हो सके.